NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 A Shirt in the Market (Hindi Medium)

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 A Shirt in the Market (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 A Shirt in the Market.

पाठगत प्रश्न

1. क्या स्वप्ना को रूई का उचित मूल्य प्राप्त हुआ? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-105)
उत्तर : स्वप्नों को रूई का उचित मूल्य प्राप्त नहीं हुआ क्योंकि स्वप्ना ने एक व्यापारी से ऊँची ब्याज दर पर 2500 रुपये कर्ज पर लिए थे। उस समय स्थानीय व्यापारी ने स्वप्ना को एक शर्त मानने के लिए सहमत कर लिया था। उसने स्वप्ना से वादा करवा लिया था कि वह अपनी सारी रूई उसे ही बेचेगी। व्यापारी ने स्वप्ना को 1500 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से रूई के 6000 रुपये दिए, जबकि रूई का बाजार भाव 1800 रुपये किंवटल था।

2. व्यापारी ने स्वप्ना को कम मूल्य क्यों दिया? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-105)
उत्तर क्योंकि स्वप्ना ने व्यापारी से ऊँची ब्याज दर पर 2500 रुपये कर्ज लिया था। व्यापारी ने स्वप्ना से वादा करवा लिया था कि वह अपनी सारी रूई उसे ही बेचेगी। अतः स्वप्ना को रूई व्यापारी को ही बेचना पड़ा। इसलिए व्यापारी ने स्वप्ना को कम मूल्य दिया। |

3. आपके विचार से बड़े किसान अपनी रूई कहाँ बेचेंगे? उनकी स्थिति किस प्रकार स्वप्ना से भिन्न (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-105)
उत्तर : हमारे विचार से बड़े किसान अपनी रूई मंडी में जाकर अधिक दाम में बेचेंगे। वे मंडी में किसी भी व्यापारी । को रूई बेचने के लिए स्वतंत्र हैं, जबकि स्वप्ना कर्ज लेने वाले व्यापारी को ही रूई बेच सकती थी।

4. इरोड के कपड़ा बाजार में निम्नलिखित लोग क्या काम कर रहे हैं-व्यापारी, बुनकर, निर्यातक? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-107)
उत्तर : इरोड के कपड़ा बाज़ार में व्यापारी का कार्य-इरोड के कपड़ा बाजार में कई प्रकार का कपड़ा बेचा जाता है। आस-पास के गाँवों से बुनकर द्वारा बनाया गया कपड़ा भी इस बाज़ार में बिकने के लिए आता है। बाज़ार के पास कपड़ा व्यापारियों के कार्यालय हैं, जो इस कपड़े को खरीदते हैं। दक्षिणी भारत के शहरों के अन्य व्यापारी भी इस बाजार में कपड़ा खरीदने आते हैं। बुनकर-बाजार के दिनों में बुनकर व्यापारियों के ऑर्डर के अनुसार कपड़ा बनाकर यहाँ लाते हैं। बुनकर व्यापारी से सूत लेते हैं और तैयार कपड़ा देते हैं। निर्यातक का कार्य-इरोड का व्यापारी, बुनकरों द्वारा निर्मित कपड़ा दिल्ली के पास बने-बनाए वस्त्र निर्यात करने वाले एक कारखाने को भेजता है। वस्त्र निर्यात करने वाली फैक्टरी इसका उपयोग कमीजें बनाने के लिए करती है। ये कमीनें विदेशी खरीददारों को निर्यात की जाती हैं।

5. बुनकर, व्यापारियों पर किस-किस तरह से निर्भर हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-107)
उत्तर : बुनकर व्यापारियों के ऑर्डर के अनुसार कपड़ी बनाकर लाते हैं। बुनकर व्यापारी से सूत लेते हैं और तैयार कपड़ा देते हैं। बुनकर व्यापारियों से ऊँचे ब्याज दर पर ऋण लेकर करघे खरीदते हैं। एक करघे का मूल्य 20,000 रुपये हैं।

6. यदि बुनकर खुद सूत खरीदकर बने हुए कपड़े बेचते हैं, तो उन्हें तीन गुना ज्यादा कमाई होती है। क्या यह संभव है? चर्चा कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-108)
उत्तर : यदि बुनकर खुद सूत खरीदकर बने हुए कपड़े बेचते हैं, तो उन्हें तीन गुना ज्यादा कमाई होती है लेकिन यह संभव नहीं है, क्योंकि बुनकरों को कच्चा माल व्यापारियों से प्राप्त होता है और बेचने के लिए भी व्यापारियों पर निर्भर रहना पड़ता है। बुनकरों के पास यह जानने का कोई साधन नहीं है कि वे किसके लिए कपड़ा बना रहे हैं और वह किस कीमत पर बेचा जाएगा।

7. क्या इसी तरह की दादन व्यवस्था पापड़, बीड़ी और मसाले बनाने में भी देखने को मिलती है? अपने इलाके से इस संबंध में जानकारी इकट्ठी कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-108)
उत्तर : दादन व्यवस्था में जहाँ व्यापारी कच्चा माल देता है और तैयार माल प्राप्त करता है। हमारे इलाके में भी इस तरह की व्यवस्था देखने को मिलती है। पापड़ के लिए आलू एवं अन्य सामान, बीड़ी के लिए बीड़ी पत्ता और धागा, मसालों के लिए हल्दी, धनियाँ, काली मिर्च, जीरा, सोंठ एवं अन्य गर्म मसाले कारीगर को दे दिए जाते हैं। वे पापड, बीडी और मसालें बनाकर व्यापारी को दे देते हैं।

8. आपने अपने इलाके में सहकारी संस्थाओं के बारे में सुना होगा, जैसे-दूध, किराना, धान आदि के व्यवसाय में। पता लगाइए कि ये किसके लाभ के लिए स्थापित की गई थीं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-108)
उत्तर : हमारे इलाके में कई दूधियों ने मिलकर दूध की एक सहकारी संस्था बनाई है और इस संस्था से दूध सरकार द्वारा स्थापित डेयरी द्वारा खरीदा जाता है। इसी तरह से कई किसान भाई मिलकर किराना और धान को एकत्रित | करते हैं और ये किराना और धान को किसी वाहन पर लादकर सरकार द्वारा स्थापित बाजार समिति में ले जाकर बेचते हैं।

9. विदेशों में खरीदार वस्त्र निर्यात करने वालों से क्या-क्या अपेक्षाएँ रखते हैं? वस्त्र निर्यातक इन शर्तो को क्यों स्वीकार कर लेते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-109)
उत्तर : कमीजों के विदेशी ग्राहकों में अमेरिका और यूरोप के ऐसे व्यवसायी भी हैं, जो स्टोर्स की श्रृंखला चलाते हैं। ये बड़े-बड़े स्टोर्स के स्वामी केवल अपनी शर्तों पर ही व्यापार करते हैं। वे माल देने वालों से न्यूनतम मूल्य पर माल खरीदने की माँग करते हैं। साथ ही वे सामान की उच्चतम स्तर की गुणवत्ता और समय पर सामान देने की शर्त भी रखते हैं। सामान ज़रा सा भी दोषयुक्त होने पर या माल देने में जरा भी विलंब होने । पर वे बड़ा सख्त ऐतराज करते हैं। इसलिए निर्यातक इन शक्तिशाली ग्राहकों द्वारा निश्चित की गई शर्तों को भरसक पूरा करने की कोशिश करते हैं।

10. वस्त्र निर्यातक विदेशी खरीदारों की शर्तों को किस प्रकार पूरा करते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-109)
उत्तर : वस्त्र निर्यातक विदेशी खरीदारों की शर्तों को निम्न प्रकार से पूरा करते हैं

  1. निर्यातक विदेशी खरीदारों को न्यूनतम कीमत पर वस्त्र उपलब्ध कराते हैं।
  2. निर्यातक वस्त्रों की उच्च गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देते हैं।
  3. वस्त्रों को एक निश्चित अवधि में विदेशी खरीदारों के पास निर्यात कर दिया जाता है।

11. इम्पेक्स गार्मेंट फैक्टरी में अधिक संख्या में महिलाओं को काम पर क्यों रखा गया होगा? चर्चा कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-110)
उत्तर : इम्पेक्स गारमेंट फैक्टरी में अधिक संख्या में महिलाओं को काम पर रखने के कारण

  1. इम्पेक्स गार्मेंट फैक्टरी में अधिकांश कर्मचारी अस्थायी हैं और महिलाओं को जब भी फैक्टरी में जरूरत होती है, काम के लिए बुला लिया जाता है।
  2. स्त्रियों को दर्जी के सहायक के रूप में धागे काटने, बटन टाँकने, इस्तरी करने और पैकिंग करने के लिए काम पर रखा जाता है। इन कामों के लिए न्यूनतम मजदूरी दी जाती है।

12. व्यवसायी बाज़ार में ऊँचा मुनाफा कमा पाता है। इसका क्या कारण है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-111)
उत्तर : व्यवसायी बाज़ार में ऊँचा मुनाफा निम्न कारणों से कमा पाते हैं

  1. व्यवसायी मजदूरों से न्यूनतम मजदूरी पर काम करवाते हैं।
  2. व्यवसायी बुनकरों से कम कीमत पर कपड़े खरीदते हैं।
  3. व्यवसायी वस्त्र निर्यात करने वाले कारखाने के खर्चे में कटौती करने का प्रयत्न करते हैं।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. स्वप्ना ने अपनी रूई कुर्नूल के रूई-बाज़ार में न बेचकर व्यापारी को क्यों बेच दी?
उत्तर : स्वप्ना ने अपनी रूई कुर्नूल के रूई बाज़ार में न बेचकर व्यापारी को निम्न कारणों से बेच दी स्वप्ना ने एक व्यापारी से ऊँची ब्याज दर पर 2500 रुपये कर्ज पर लिए थे। उस समय स्थानीय व्यापारी ने स्वप्ना को एक शर्त मानने के लिए सहमत कर लिया था। उसने स्वप्ना से वादा करवा लिया था कि वह अपनी सारी रूई उसे ही बेचेगी।

2. वस्त्र निर्यातक कारखाने में काम करने वाले मजदूरों के काम के हालात और उन्हें दी जाने वाली मज़दूरी का वर्णन कीजिए। क्या आप सोचते हैं कि मजदूरों के साथ न्याय होता है?
उत्तर : वस्त्र निर्यातक कारखाने में काम करने वाले मजदूरों के काम के हालात और उन्हें दी जाने वाली मजदूरी

  1. वस्त्र निर्यातक कारखाने में काम करने वाले मज़दूर अस्थायी कर्मचारी हैं। अर्थात् जब भी फैक्टरी | मालिक को लगे कि कामगार की आवश्यकता नहीं है, वह उसे जाने को कह सकता है।
  2. कामगारों की मज़दूरी उनके कार्य कुशलता के अनुसार तय की जाती है। काम करने वालों में अधिकतम वेतन दर्जी को मिलता है, जो लगभग 3000 रुपये प्रतिमाह होता है।
  3. स्त्रियों को सहायक के रूप में धागे काटने, बटन टॉकने, इस्तरी करने और पैकिंग करने के लिए काम | पर रखा जाता है। इन कामों के लिए न्यूनतम मजदूरी दी जाती है। कमीज़ की इस्तरी करने की मज़दूरी 1 रुपये 50 पैसे, कमीज़ की जाँच करने वाले की मज़दूरी 2000 रुपये महीना है, धागे काटने व बटन लगाने वाले का वेतन 1500 रुपये महीना है।

3. ऐसी किसी चीज़ के बारे में सोचिए, जिसे हम सब इस्तेमाल करते हैं। वह चीनी, चाय, दूध, पेन, कागज़, पेंसिल आदि कुछ भी हो सकती है। चर्चा कीजिए कि यह वस्तु बाजारों की किस श्रृंखला से होती हुई, आप तक पहुँचती है। क्या आप उन सब लोगों के बारे में सोच सकते हैं, जिन्होंने इस वस्तु के उत्पादन व व्यापार में मदद की होगी?
उत्तर : जिसे हम इस्तेमाल करते हैं वह उत्पादक द्वारा निर्मित होने के बाद या उससे पहले, कई प्रक्रियाओं से गुजरता हुआ हमारे पास पहुँचता हैचीनी के उत्पादन की प्रक्रिया से लेकर उपभोक्ता तक पहुँचने तकगन्ना उत्पादक-किसान जो चीनी मील मालिकों को गन्ना उपलब्ध कराते हैं। चीनी मिल मालिकों से चीनी वितरक तथा थोक विक्रेताओं के पास पहुँचता है। थोक विक्रेता से खुदरा विक्रेताओं तक और खुदरा विक्रेताओं से हमारे पास तक चीनी पहुँचती है। इस प्रक्रिया में कई लोगों का सहयोग होता है; जैसे-किसान, मिल मालिक, मजदूर, थोक व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, फुट विक्रेता आदि। चीनी के अतिरिक्त अन्य उत्पादों; जैसे–चाय, दूध, कागज, पेन, पेंसिल आदि भी इन्हीं प्रक्रियाओं से गुजरकर आम जनता तक पहुँचती है।

4. यहाँ दिए गए नौ कथनों को सही क्रम में कीजिए और फिर नीचे बनी कपास की डोडियों के चित्रों में सही कथन के अंक भर दीजिए। पहले दो चित्रों में आपके लिए अंक पहले से ही भर दिए गए हैं।

1. स्वप्ना, व्यापारी को रूई बेचती है।
2. ग्राहक, सुपरमार्केट में इन कमीजों को खरीदते हैं।
3. व्यापार, जिनिंग मिलों को रूई बेचते हैं।
4. गार्मेट निर्यातक, कमीज़ों बनाने के लिए व्यापारियों से कपड़ा खरीदते हैं।
5. सूत के व्यापारी, बुनकरों को सूत देते हैं।
6. वस्त्र निर्यातक, संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यवसायी को कमीजें बेचता है।
7. सूत कातने वाली मिलें, रूई खरीदती हैं और सूत के व्यापारी को सूत बेचती हैं।
8. बुनकर कपड़ा तैयार करके लाते हैं।
9. जिनिंग मिलें रूई को साफ़ करती हैं और उनके गट्ठर बनाती हैं।
प्रश्न
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium) 1
उत्तर :
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium) 2

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