संधि विच्छेद की परिभाषा

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संधि विच्छेद की परिभाषा

संधि में पदों को मूल रूप में पृथक कर देना संधि विच्छेद है। जैसे- धनादेश = धन + आदेश

यहाँ पर कुछ प्रचलित संधि विच्छेदों को दिया जा रहा है, जो की विद्यार्थियों के बड़े काम आएगी।

(अ, आ)

अल्पायु = अल्प + आयु
अनावृष्टि = अन + आवृष्टि
अत्यधिक = अति + अधिक
अखिलेश्वर = अखि + ईश्वर
आत्मोत्सर्ग= आत्मा + उत्सर्ग
अत्यावश्यक = अति + आवश्यक
अत्युष्म =अति +उष्म
अन्वय=अनु +अय
अन्याय =अ+नि +आय
अभ्युदय=अभि +उदय
अविष्कार=आविः +कार
अन्वेषण=अनु +एषण
आशीर्वाद =आशीः+वाद
अत्याचार=अति+आचार
अहंकार =अहम् +कार
अन्वित=अनु+अय+इत
अभ्यागत =अभि +आगत
अम्मय =अप्+मय
अभीष्ट =अभि+इष्ट
अरण्याच्छादित=अरण्य+आच्छादित
अत्यन्त =अति+अन्त
अत्राभाव =अत्र+अभाव
आच्छादन =आ+छादन
अधीश्र्वर =अधि+ईश्र्वर
अधोगति =अधः+गति
अन्तर्निहित =अन्तः+निहित
अब्ज =अप्+ज
आकृष्ट =आकृष्+त
आद्यन्त =आदि+अन्त
अन्तःपुर =अन्तः+पुर
अन्योन्याश्रय =अन्य+अन्य+आश्रय
अन्यान्य =अन्य+अन्य
अहर्निश =अहः+निश
अजन्त =अच्+अन्त
आत्मोत्सर्ग =आत्म+उत्सर्ग
अत्युत्तम= अति +उत्तम
अंतःकरण= अंतः + करण
अन्तनिर्हित= अन्तः + निहित
अन्तर्गत= अन्तः + गत
अन्तस्तल = अंतः + तल
अन्तर्धान= अन्तः + धान
अन्योक्ति= अन्य + उक्ति
अनायास= अन् + आयास
अधपका= आधा + पका
अनुचित= अन् + उचित
अनूप= अन् + ऊप
अनुपमेय= अन् + उपमेय
अन्तर्राष्ट्रीय= अन्तः + राष्ट्रीय
अनंग= अन् + अंग
अनन्त= अन् + अंत
अनन्य= अन् + अन्य
अतएव= अतः + एव
अध्याय= अधि + आय
अध्ययन= अधि + अयन
अधीश= अधि + ईश
अधीश्वर= अधि + ईश्वर
अधिकांश= अधिक + अंश
अधरोष्ठ= अधर + ओष्ठ
अवच्छेद= अव + छेद
अभ्यस्त= अभि + अस्त
अभ्यागत= अभि + आगत
अभिषेक= अभि + सेक
अभीष्ट= अभि + इष्ट
अम्मय= अप् + मय
अस्तित्व= अस्ति + त्व
अहर्मुख= अहर + मुख
अहोरूप= अहः + रूप
अज्ञानांधकार= अज्ञान + अंधकार
आश्चर्य= आ + चर्य
आशोन्मुख= आशा + उन्मुख
आत्मावलम्बन= आत्मा + अवलम्बन
आध्यात्मिक= आधि + आत्मिक

( इ, ई, उ, ऊ, ए)

इत्यादि = इति + आदि
इतस्ततः= इतः + ततः
ईश्र्वरेच्छा =ईश्र्वर+इच्छा
उन्मत्त =उत् +मत्त
उपर्युक्त =उपरि +उक्त
उन्माद =उत् +माद
उपेक्षा =उप+ईक्षा
उच्चारण=उत् +चारण
उल्लास =उत् +लास
उज्ज्वल =उत् +ज्वल
उद्धार =उत् +हार
उदय =उत् +अय
उदभव=उत् +भव
उल्लेख =उत् +लेख
उत्रति =उत्+नति
उन्मूलित =उत्+मूलित
उल्लंघन=उत्+लंघन
उद्याम =उत्+दाम
उच्छ्वास =उत्+श्र्वास
उत्रायक =उत्+नायक
उन्मत्त=उत्+मत्त
उत्रयन =उत्+नयन
उद्धत =उत्+हत
उपदेशान्तर्गत =उपदेश+अन्तर्गत
उन्मीलित =उत्+मीलित
उद्योग=उत्+योग
उड्डयन =उत्+डयन
उद्घाटन = उत्+घाटन
उच्छित्र =उत्+छित्र
उच्छिष्ट =उत्+शिष्ट
उत्कृष्ट=उत्कृष् + त
उद्यान= उत् + यान
उत्तमोत्तम= उत्तम + उत्तम
उतेजना= उत् + तेजना
उत्तरोत्तर= उत्तर + उत्तर
उदयोन्मुख= उदय + उन्मुख
उद्वेग= उत् + वेग
उद्देश्य= उत् + देश्य
उद्धरण= उत् + हरण
उदाहरण= उत् + आहरण
उद्गम=उत् +गम
उद्भाषित= उत् + भाषित
उन्नायक= उत् + नायक
उपास्य= उप + आस्य
उपर्युक्त= उपरि + उक्त
उपयोगिता= उप + योगिता
उपनिदेशक= उप + देशक
उपाधि= उप + आधि
उपासना= उप + आसना
ऊहापोह= ऊह + अपोह
उपदेशान्तर्गत= उपदेश + अन्तः + गत
एकाकार= एक + आकार
एकाध= एक +आध
एकासन= एक + आसन
एकोनविंश= एक + उनविंश
एकान्त= एक + अंत
एकैक=एक+एक
कृदन्त=कृत् +अन्त

(क, ग, घ )

कल्पान्त =कल्प+अन्त
कुर्मावतार= कूर्म + अवतार
क्रोधाग्नि= क्रोध + अग्नि
कालांतर = काल + अंतर
कित्रर =किम्+नर
किंचित् = किम्+चित
कंठोष्ठय= कंठ + ओष्ठ्य
कपलेश्वर= कपिल + ईश्वर
कपीश= कपि + ईश
कवीन्द्र= कवि + इन्द्र
कवीश्वर= कवि + ईश्वर
कपीश्वर= कपि + ईश्वर
किंवा= किम् + वा
किन्तु= किम् + तु
कूपोदक= कूप + उदक
कुशाग्र= कुश + अग्र
कुशासन= कुश + आसन
कुसुमायुध= कुसुम + आयुध
कुठाराघात= कुठार + आघात
कोणार्क= कोण + अर्क
क्रोधान्ध= क्रोध + अंध
कोषाध्यक्ष= कोष + अध्यक्ष
कौमी= कौम + ई
कृतान्त= कृत + अंत
कीटाणु= कीट + अणु
खगासन= खग + आसन
खटमल= खाट + मल
गवीश= गो + ईश
गणेश= गण + ईश
गंगौघ= गंगा + ओघ
गंगोदक= गंगा + उदक
गंगैश्वर्य= गंगा + ऐश्वर्य
ग्रामोद्धार= ग्राम + उद्धार
गायन= गै + अन
गिरीन्द्र= गिरि + इन्द्र
गुडाकेश= गुडाका + ईश
गुप्पचति= गुब + पचति
गिरीश= गिरि + ईश
गुरुत्वाकर्षण= गुरुत्व + आकर्षण
गौरवान्वित= गौरव + अन्वित
घड़घड़ाहट= घड़घड़ + आहट
घनानंद= घन + आनंद
घुड़दौड़= घोड़ा + दौड़

(च, छ, ज )

चतुरानन= चतुर + आनन
चतुर्भुज= चतुः + भुज
चन्द्रोदय=चन्द्र+उदय
चरणामृत=चरण+अमृत
चतुष्पाद= चतुः+पाद
चयन=चे+अन
चिकित्सालय=चिकित्सा+आलय
चिन्मय=चित्+मय
चतुर्दिक= चतुः + दिक्
चतुरंग= चतुः + अंग
चूड़ान्त= चूड़ा + अंत
चिन्ताक्रान्त= चिंता + आक्रान्त
छिद्रान्वेषी= छिद्र + अनु + एषी
छुटपन= छोटा + पन
छुटभैया= छोटा + भैया
जगदीन्द्र= जगत् + इन्द्र
जगज्जय= जगत् + जय
जगन्नियन्ता= जगत् + नियन्ता
जगद्बन्धु= जगत् + बन्धु
जनतैक्य= जनता + ऐक्य
जनतौत्सुक्य= जनता + औत्सुक्य
ज्योतिर्मठ= ज्योतिः + मठ
जलौघ= जल + ओघ
जानकीश= जानकी + ईश
जागृतावस्था= जागृत + अवस्था
जात्यभिमानी= जाति + अभिमानी
जीवनानुकूल= जीवन + अनुकूल
जीवनोपयोगी= जीवन + उपयोगी
जीवनोपार्जन= जीवन + उपार्जन
जीविकार्थ= जीविका + अर्थ
जीर्णोद्धार = जीर्ण + उद्धार
जगदीश= जगत्+ईश
जलोर्मि= जल+ऊर्मि
झड़बेरी= झाड़ + बेड़
झंडोत्तोलन= झंडा + उत्तोलन
झगड़ालू= झगड़ा + आलू

(ट, ठ, ड, ढ़ )

टुकड़तोड़= टुकड़ा + तोड़
टुटपूँजिया= टूटी + पूँजी
ठाढ़ेश्वरी= ठाढ़ा + ईश्वरी
ठकुरसुहाती= ठाकुर + सुहाना
डंडपेल= डंड + पेलना
डिठौना= डीठ + औना
ढँढोरिया= ढँढोरा + इया
ढकोसला= ढंक + कौशल

(त, थ)

तथैव =तथा +एव
तृष्णा =तृष +ना
तपोवन =तपः +वन
तल्लीन=तत्+लीन
तपोभूमि=तपः +भूमि
तेजोराशि=तेजः +राशि
तिरस्कार=तिरः +कार
तथापि =तथा +अपि
तेजोमय =तेजः +मय
तथास्तु = तथा + अस्तु
तमसावृत = तमसा + आवृत
तेजोपुंज =तेजः+पुंज
तद्रूप =तत्+रूप
तदाकार =तत्+आकार
तद्धित =तत्+हित
तद्रूप=तत्+रूप
तट्टीका=तत्+टीका
तेनादिष्ट=तेन+अदिष्ट
तज्जय= तत् + जय
तच्छरण= तत् + शरण
तच्छरीर= तत् + शरीर
तद्धवि= तत् + हवि
तदिह= तत् + इह
तदस्ति= तत् + अस्ति
तदाम्य= तत् + आत्म्य
तन्मय= तत् + मय
तत्त्व= तत् + त्व
तल्लय= तत् + लय
तच्छिव= तत् + शिव
त्वगिन्द्रय= त्वक + इन्द्रिय
तिरस्कृत= तिरः + कृत
तेऽपि= ते + अपि
तत्तनोति= तद + तनोति
तृष्णा= तृष् + ना
तेऽद्र= ते + अद्र
तेजआभास= तेजः + आभास
तस्मिन्नारमे= तस्मिन + आरामे
त्रिलोकेश्वर= त्रिलोक + ईश्वर
तदुपरान्त= तत् + उपरान्त
थनैला= थन + ऐला
थुक्काफजीहत= थूक + फजीहत

(द )

देवेन्द्र=देव +इन्द्र
दुर्नीति=दुः +नीति
दावानल=दाव+अनल
दिग्गज=दिक् +गज
दुर्धर्ष=दुः +धर्ष
दिग्भ्रम=दिक+भ्रम
दुर्दिन=दुः+दिन
दुर्वह=दुः+वह
देवर्षि=देव+ऋषि
दुनीति=दुः +नीति
दुर्ग=दुः +ग
दुश्शासन =दुः +शासन
दिगम्बर =दिक् +अम्बर
देवेश =देव +ईश
दुःस्थल =दुः +स्थल
दुस्तर =दुः +तर
देव्यागम=देवी +आगम
दुष्कर =दुः +कर
दुर्जन =दुः +जन
दोषारोपण = दोष + आरोपण
देहांत =देह+अंत
देवैश्र्वर्य=देव+ऐश्र्वर्य
देवालय=देव+आलय
दैव्यंग=देवी+अंग
दुष्परिणाम= दुः + परिणाम
दुर्बलता= दुः + बलता
दुर्घटना= दुः + घटना
देशान्तर= देश + अंतर
देशाभिमान= देश + अभिमान
देशानुराग= देश + अनुराग
देवैश्वर्य= देव + ऐश्वर्य
देवीच्छा= देवी + इच्छा
दैन्यावस्था= दैन्य + अवस्था
दैन्यादि= दैन्य + आदि
दृष्टि= दृष् + ति
दृष्टान्त= दृष्ट + अंत
दन्त्योष्ठ्य= दन्त + ओष्ठ्य
दिगन्त= दिक् + अंत
दिनेश= दिन + ईश
दिग्भाग= दिक् + भाग
दिग्हस्ती= दिक् + हस्ती
दुर्लभ= दुः + लभ
दुःखात्मक= दुख + आत्मक
दुर्बल= दुः + बल
दुरन्त= दुः + अंत
दुस्साहस= दुः + साहस
दुरुप्रयोग= दुः + उपयोग
दुष्कर्म= दुः + कर्म
दुःख= दुः + ख
दुःखान्त= दुःख + अंत
दुस्तर= दुः + तर
दुर्निवार= दुः + निवार

 

( ध )

धनान्ध= धन + अन्ध
धनुर्धर= धनुः + धर
धनुष्टंकार= धनुः + टंकार
धनित्व= धनिन + त्व
धर्मोपदेश= धर्म + उपदेश
धर्माधिकारी= धर्म + अधिकारी
ध्यानावस्थित= ध्यान + अवस्थित

(न)

नमस्कार=नमः +कार
नाविक =नौ +इक
निस्सन्देह =निः +सन्देह
निराधार =निः +आधार
निस्सहाय=निः +सहाय
निर्भर=निः +भर
निष्कपट=निः +कपट
नीरोग =निः +रोग
नयन =ने+अन
निश्छल=निः +छल
निरन्तर=निः +अन्तर
निर्गुण =निः +गुण
नायक=नै +अक
निस्सार =निः +सार
निर्मल=निः +मल
निस्तार =निः +तार
नीरव =निः +रव
नरोत्तम = नर + उत्तम
निम्नाकित= निम्न + अंकित
नारीश्र्वर=नारी+ईश्र्वर
नागाधिराज= नाग + अधिराज
नद्यूर्मि=नदी+उर्मि
निश्र्चिन्त=निः+चिन्त
निश्र्चय=निः+चय
निर्विकार=निः+विकार
निरुपाय=निः+उपाय
नद्यम्बु=नदी+अम्बु
नदीश=नदी+ईश
निस्सृत=निः+सृत
निरीक्षण =निः+ईक्षण
निष्काम=निः+काम
निरर्थक=निः+अर्थक
निष्प्राण=निः+प्राण
निरुद्देश्य=निः+उद्देश्य
निष्फल=निः+फल
निर्जल=निः+जल
नारायण=नार+अयन
न्यून=निः+ऊन
निश्र्चल=निः+चल
निरीह=निः+ईह
निषिद्ध=निः+सिद्ध
निर्विवाद=निः+विवाद
निर्झर=निः+झर
निश्शब्द =निः+शब्द
निष्कारण=निः+कारण
नीरव=निः+रव
निस्संतान=निः+संतान
नमस्ते=नमः+ते
नरेंद्र=नर+इंद्र
निराशा=निः+आशा
निराहार=निः+आहार
नारींदु=नारी+इंदु
नवोऽकुंर= नव + अंकुर
नरेश= नर + ईश
नास्ति= न + अस्ति
नवोढा= नव + उढ़ा
नष्ट= नष् + त
न्यून= नि + ऊन
नयनाभिराम= नयन + अभिराम
नद्यर्पण= नदी + अर्पण
निष्पाप= निः + पाप
निष्पक्ष= निः + पक्ष
निस्तांर= निः + तार
निर्धन= निः + धन
निर्माण= निः + मान
निर्दोष= निः + दोष
निस्तेज= निः +तेज
निर्घोषित= निः + घोषित
निर्भीकता= निः + भीकता
निरर्थ= निः + अर्थ
निरौषध= निः + औषध
निर्हस्त= निः + हस्त
निरिच्छा= निः + इच्छा
निराशा= निः + आशा
निश्छिद्र= निः + छिद्र
निषिद्ध= निः + सिद्ध
निरन्तर= निः + अंतर
निर्वासित= निः + वासित
निरेफ= निः + रेफ
निरन्ध्र= निः + रन्ध्र
निराधार= निः + आधार
निरक्षर= निः + अक्षर
निगमागम= निगम + आगम
निर्जीव= निः + जीव
निर्बल= निः + बल
निर्बलात्मा= निर्बल + आत्मा
निर्दोष= निः + दोष
निराकार= निः + आकार
निर्णय= निः + नय
निर्भर= निः + भर
निर्द्वन्द्व= निः + द्वन्द्व
निश्चित= निः + चित
निश्चय= निः + चय
निष्क्रिय= निः + क्रिय
निर्विरोध= निः + विरोध
न्यूनातिन्यून= न्यून + अति
नियमानुसार= नियम + अनुसार

(प)

परमार्थ =परम +अर्थ
पीताम्बर =पीत +अम्बर
परिणाम=परि+नाम
प्रमाण=प्र+मान
पयोधि =पयः+धि
पुस्तकालय = पुस्तक + आलय
प्रधानाध्यापक = प्रधान + अध्यापक
परोपकार = पर + उपकार
परमेश्र्वर = परम + ईश्र्वर
पदोन्नति = पद + उन्नति
प्रत्येक = प्रति + एक
परमावश्यक= परम + आवश्यक
प्रत्यक्ष = प्रति + अक्ष
प्रत्याघात = प्रति + अघात
पुलकावली = पुलक + अवलि
परन्तु =परम् +तु
पावक =पौ +अक
पुरुषोत्तम=पुरुष +उत्तम
पवन =पो +अन
पुरस्कार=पुरः +कार
परीक्षा=परि+ईक्षा
पयोद =पयः +द
परमौजस्वी=परम+ओजस्वी
पित्रादेश =पितृ+आदेश
पवित्र=पो+इत्र
प्रत्यय=प्रति+अय
पृष्ठ=पृष्+थ
प्रातःकाल=प्रातः+काल
पृथ्वीश=पृथ्वी+ईश
पावन=पौ+अन
पंचम=पम्+चम
प्रत्युत्तर=प्रति+उत्तर
पित्रिच्छा=पितृ+इच्छा
पुनर्जन्म=पुनः+जन्म
परिच्छेद=परि+छेद
प्रांगण=प्र+अंगण
प्रतिच्छाया=प्रति+छाया
प्रथमोऽध्यायः=प्रथमः+अध्यायः
परमौषध=परम+औषध
पुरुषोत्तम=पुरुष+उत्तम
पित्रनुमति=पितृ+अनुमति
पुनरुक्ति=पुनः+उक्ति
पश्र्वधम=पशु+अधम
प्रोत्साहन=प्र+उत्साहन
पुरोहित = पुरः+हित
परिष्कार=परिः+कार
पुनर्जन्म= पुनर +जन्म
परमैश्वर्य= परम + ऐश्वर्य
पच्छाक= पच + शाक
पदाक्रान्त= पद + आक्रान्त
परमाद्रि= परम + आद्रि
पराधीन= पर + अधीन
परमाणु= परम + अणु
परिच्छेद= परि + छेद
पर्यान्त= परि + आप्त
पश्वधम= पशु + अधम
पयोमन= पयः + मान
पंचांग= पंच + अंग
पितृऋण= पितृ + ऋण
पित्रादि= पितृ + आदि
पितारक्ष= पितः + रक्ष
पुरस्कृत= पुरः + कृत
पुनरुक्ति= पुनः + उक्ति
पुष्ट= पुष् + त
पुनरुत्थान= पुनः + उत्थान
पुनर्रचना= पुनः + रचना
प्रहार= प्र + हार
प्रत्याचरण= प्रति + आचरण
प्रतीत= प्रति + इत
प्रत्यारुयान= प्रति + आरुयान
प्रजार्थ= प्रजा + अर्थ
प्रत्यक्षात्मा= प्रत्यक्ष + आत्मा
प्रत्युपकार= प्रति + उपकार
प्रत्युत्पन्न= प्रति + उत्पन्न
प्रतिच्छवि= प्रति + छवि
प्रलयंकर= प्रलयम + कर
प्रार्थना= प्र + अर्थना
प्राणिमात्र= प्राणिन + मात्र
प्राणेश्वर= प्राण + ईश्वर
प्रोत्साह= प्र + उत्साह
प्रोज्ज्वल= प्र + उज्ज्वल
प्रौढ़= प्र + उढ़

( फ, ब )

फलाहारी= फल + आहारी
फलागम= फल + आगम
बलात्कार= बलात् + कार
बहिर्देश= बहिः + देश
बहिर्भाग= बहिः + भाग
बिंबोष्ठय= बिंब + ओष्ठ्य
बृहद्रथ= बृहत् + रथ
ब्रह्मास्त्र= ब्रह्म + अस्त्र
ब्रह्मानन्द= ब्रह्म + आनन्द
ब्रह्मर्षि= ब्रह्म + ऋषि
बहिर्मुख= बहिः + मुख
बहिष्कार= बहिः + कार

(भ)

भवन =भो +अन
भोजनालय =भोजन +आलय
भानूदय=भानु+उदय
भाग्योदय =भाग्य +उदय
भावुक=भौ+उक
भूषण=भूष्+अन
भूष्मा=भू+ऊष्मा
भूत्तम=भू+उत्तम
भगवद्गीता= भगवत् + गीता
भरण= भर + अन
भारतेन्दु= भारत + इन्दु
भाविनी= भौ + इनी
भास्कर= भाः + कर
भास्पति= भाः + पति
भावोन्मेष= भाव + उन्मेष
भिन्न= भिद् + न
भूर्जित= भू + उर्जित
भूदार= भू + उदार
भगवद्भक्ति= भगवत् + भक्ति
भविष्यद्वाणी= भविष्यत् + वाणी

 (म )

मुनीन्द्र=मुनि+इन्द्र
महीन्द्र=मही +इन्द्र
मृण्मय=मृत्+मय
मातृण=मातृ+ऋण
महोर्मि=महा+ऊर्मि
मतैक्य=मत+ऐक्य
महौज=महा+ओज
मन्वन्तर=मनु+अन्तर
महार्णव=महा+अर्णव
मनोयोग=मनः+योग
महौषध=महा+औषध
मध्वासव=मधु+आसव
मृगेन्द्र=मृग+इन्द्र
मनोऽनुकूल=मनः+अनुकूल
महेश्र्वर=महा+ईश्र्वर
महेन्द्र=महा+इन्द्र
देव्यर्पण=देवी+अर्पण
मंगलाकार= मंगल + आकार
मत्स्याकार = मत्स्य + आकार
मध्यावकाश = मध्य + अवकाश
महोदय= महा + उदय
मतानुसार= मत + अनुसार
महर्षि= महा + ऋषि
महोत्सव= महा + उत्सव
मरणोत्तर = मरण+उत्तर
मदांध= मद+अंध
महत्वाकांक्षा= महत्व+आकांक्षा
मनोगत= मनः+गत
महेश= महा+ईश
मनोविकार= मनः+विकार
महाशय= महा+आशय
मनोज= मनः+ज
मनोरथ=मनः +रथ
मनोहर= मनः+हर
मनोभाव= मनः+भाव
महर्षि= महा+ऋषि
महैश्र्वर्य= महा+ऐश्र्वर्य
मनोबल= मनः+बल
मकराकृत= मकर + आकृत
मतैक्ता= मत + एकता
मनस्पात= मनः + ताप
मनोरंजन= मनः + रंजन
मनोवैज्ञानिक= मनः + वैज्ञानिक
मनोऽनुसार= मनः + अनुसार
मनोनीत= मनः + नीत
मनोऽवधान= मनः + अवधान
महच्छत्र= महत् + छत्र
महात्मा= महा + आत्मा
महत्व= महत् + त्व
महदोज= महत् + ओज
महीश्वर= मही + ईश्वर
महालाभ= महान + लाभ
महोरु= महा + ऊरु
महौज= महा + ओज
महौदार्य= महा + औदार्य
महौषधि= महा + औषधि
मायाधीन= माया + अधीन
मातृऋण= मातृ + ऋण
मात्रानन्द= मातृ + आनन्द
मुनीश्वर= मुनि + ईश्वर
मन्त्रोच्चारण= मंत्र + उत् + चारण
महामात्य= महा + अमात्य

(य )

यथेष्ट= यथा + इष्ट
यद्यपि= यदि + अपि
यशोऽभिलाषी= यशः+अभिलाषी
योजनावधि = योजन + अवधि
युगानुसार= युग+अनुसार
यथोचित = यथा +उचित
यशइच्छा=यशः +इच्छा
यशोदा =यशः+दा
युधिष्ठिर =युधि+स्थिर
यशोधरा=यशः+धरा
यशोधन=यशः+धन
यवनावनि= यवन + अवनि
यज्ञ= यज + न
यशोलाभ= यशः + लाभ
योऽसि= यो + असि

( र, ल )

रत्नाकर= रत्न+आकर
राजर्षि= राज+ऋषि
रहस्योदघाटन = रहस्य + उद्घाटन
राज्यगार= राज्य + आगार
राज्याभिषेक= राज्य + अभिषेख
रमेश =रमा+ईश
रामायण=राम +अयन
रवींद्र= रवि+इंद्र
रजकण= रजः + कण
रसातल= रसा + अतल
रसास्वादन= रस + आस्वादन
राजाज्ञा= राजा + आज्ञा
रामावतार= राम + अवतार
रुद्रावतार= रूद्र + अवतार
रेखांश= रेखा + अंश
रसायन= रस + अयन
रहस्याधिकारी= रहस्य + अधिकारी
लक्ष्मीश= लक्ष्मी + ईश
लोकोक्ति = लोक + उक्ति
लघूर्मि=लघु+ऊर्मि
लोकोत्तर= लोक + उत्तर
लोकोपकार= लोक + उपकार
लम्बोदर= लम्ब + उदर

( व )

वागीश= वाक्+ईश
वीरांगणा= वीर+अंगना
वाग्जाल= वाक्+जाल
विपज्जाल= विपद्+जाल
व्युत्पत्ति=वि+उत्पत्ति
व्यर्थ=वि +अर्थ
विद्योत्रति=विद्या+उत्रति
वयोवृद्ध=वयः+वृद्ध
व्याप्त=वि +आप्त
बहिष्कार=बहिः+कार
विद्यालय = विद्या + आलय
विद्याध्ययन= विद्या + अध्ययन
विद्दोत्मा = विद्या + उत्तमा
वधूत्सव =वधू +उत्सव
व्ययामादी= व्यायाम + आदि
व्यायाम=वि +आयाम
वसुधैव=वसुधा +एव
व्याकुल=वि +आकुल
विद्यार्थी= विद्या+अर्थी
विषम=वि+सम
विधूदय=विधु+उदय
वनौषधि=वन+ओषधि
वधूत्सव=वधू+उत्सव
वधूर्जा=वधू+ऊर्जा
वधूल्लेख=वधू+उल्लेख
वध्वैश्र्वर्य=वधू + ऐश्र्वर्य
वधूर्मिका= वधू + उर्मिका
वनस्पति= वनः + पति
व्यस्त= वि + अस्त
व्यवहार= वि + अवहार
व्यभिचार= वि + अभिचार
व्यापकता= वि + आपकता
व्यापी= वि + आपी
व्यापक= वि + आपक
वार्तालाप= वार्ता + आलाप
वातावरण= वात + आवरण
वाग्रोध= वाक् + रोध
वारीश= वारि + ईश
वाग्दान= वाक् + दान
विच्छेद= वि + छेद
विद्योपदेश= विद्या + उपदेश
विन्यास= वि + नि + आस
विमलोदक= विमल + उदक
विपल्लीन= विपद् + लीन
विश्वामित्र= विश्व + अमित्र
वधूचित= वधू + उचित
विस्मरण= वि + स्मरण
वृद्धावस्था= वृद्ध + अवस्था
वृक्षच्छाया= वृक्ष + छाया
वृहदाकार= वृहत् + आकार
विशेषोन्मुख= विशेष + उन्मुख
विरुदावली= विरुद + अवली

 

(श, ष, स )

शंकर =शम् +कर
शिरोमणि=शिरः +मणि
शशांक= शश+अंक
शस्त्रास्त्र=शस्त्र+अस्त्र
शताब्दी= शत + अब्दी
शरच्चंद्र= शरत् + चन्द्र
शिलारोपण= शिला + आरोपण
शुद्धोदन= शुद्ध + ओदन
शेषांश= शेष + अंश
शीघ्रातिशीघ्र= शीघ्र + अतिशीघ्र
श्वासोच्छवास= श्वास + उत्
षोडशोपचार= षोडस + उपचार
सदहस्ती= सत् + हस्ती
संतुष्ट= सम् + तुष्ट
संदेह= सम् + देश
संघर्ष= सम् + घर्ष
समाचार= सम् + आचार
संकट= सम् + कल्प
समालोचना= सम् + आलोचना
सर्वोच्च= सर्व + उच्च
सम्मुख= सम् +मुख
सत्कार= सत् + कार
सद्गुरु= सत् +गुरु
सज्जन=सत् +जन
संसार=सम् +सार
सदाचार= सत् +आचार
संयम= सम+यम
स्वाधीन= स्व+अधीन
साश्र्चर्य= स+आश्र्चर्य
सावधान= स+अवधान
सच्चरित्र= सत+चरित्र
सदभाव=सत+भाव
सन्धि=सम+धि
स्वर्ग= स्वः+ग
शुद्धोदन= शुद्ध+ओदन
स्वार्थ= स्व+अर्थ
सदभावना= सत+भावना
सच्छास्त्र=सत्+शास्त्र
संचय=सम+चय
संवाद=सम् +वाद
सीमान्त=सीमा+अंत
सप्तर्षि= सप्त+ऋषि
समन्वय= सम् +अनु +अय
सत्याग्रह= सत्य+आग्रह
संगठन= सम+गठन
सद्विचार=सत्+विचार
समुच्चय= सम+उत्+चय
सर्वोदय= सर्व+उदय
संकोच= सम् + कोच
श्रेयस्कर=श्रेयः +कर
सुरेन्द्र= सुर+इन्द्र
सदानन्द= सत्+आनन्द
सद्धर्म= सत्+धर्म
संकल्प= सम् +कल्प
संयोग= सम् +योग
संयम =सम् +यम
संवत्= सम+वत्
साष्टाग= स+अष्ट+अंग
सर्वोत्तम= सर्व+उत्तम
सत्रिहित= सत्+निहित
समुदाय= सम+उत्+आय
सूर्योदय= सूर्य+उदय
सदवाणी= सत्+वाणी
स्वयम्भूदय= स्वयम्भू+उदय
संतप्त= सम् + तप्त
षड्दर्शन= षट्+दर्शन
स्वाध्याय= स्व + अध्याय
सर्वाधिक = सर्व + अधिक
सर्वोच्च= सर्व + उच्च
सत्याग्रही = सत्य + आग्रही
स्वाभिमानी = स्व + अभिमानी
सर्वोत्तम= सर्व + उत्तम
स्वालंबन = स्व + अवलंबन
स्वर्णाक्षरों = स्वर्ण + अक्षरों
स्वाध्याय = स्व + अध्याय
स्वाधीनता= स्व + आधीनता
सत्याग्रह = सत्य + आग्रह
शरीरांत= शरीर + अंत
सदुत्तर= सत् + उत्तर
स्वागत =सु+आगत
सन्तोष=सम् +तोष
सरोज =सरः +ज
सद्वंश= सत् + वंश
सरोवर =सरः +वर
सतीश =सती +ईश
सदैव =सदा +एव
षडानन= षट्+आनन
षण्मास= षट्+मास
संकल्प= सम् +कल्प
संपूर्ण= सम्+पूर्ण
संबंध= सम् +बंध
संरक्षण= सम्+रक्षण
संवाद= सम्+वाद
संविधान= सम्+विधान
संसार= सम्+सार
सज्जन= सत्+जन
सम्मान= सम्+मान
सम्मति= सम्+मति
स्वच्छंद= स्व +छंद
स्वागत= सु+आगत
सन्नद= सत् +नद
संहारैषण= संहार + एषण
समीक्षा= सम् + ईक्षा
समुचित= सम् + उचित
संस्कृति= सम् + कृति
संगीत= सम् + गीत
संगठन= सम् + गठन
संदेह= सम् + देह
सन्तान= सम् +तान
सदुप्रयोग= सत् +उपयोग
संसर्ग= सम् + सर्ग
सत्यासक्त= सत्य + आसक्त
सर्वोदय= सर्व + उदय
समाधान= सम् + आधान
सदिच्छा= सत् + इच्छा
समालोचक= सम् + आलोचक
सतीच्छा= सती + इच्छा
सदवतार= सत् + अवतार
सत्कार= सत् + कार
सम्राज = सम् + राज
संकीर्ण= सम् + कीर्ण
संयोग= सम् + योग
संभव= सम् + भव
संयुक्त= सम् + युक्त
संग्राम= सम् + ग्राम
सहायतार्थ= सहायता + अर्थ
सज्जन= सत् + जन
सत्साहित्य= सत् + साहित्य
संलग्न= सम् + लग्न
संघाराम= संघ + आराम
सर्वोपरि= सर्व + उपरि
सर्वागीण= सर्व + अंगीन
सारांश= सार + अंश
साश्चर्य= स + आश्चर्य
साग्रह= स + आग्रह
सावधान= स + अवधान
साधूहा= साधु + उहा
सिद्धांत= सिद्ध + अन्त
सिहांसन= सिंह + आसन
सुधेच्छा= सुधा + इच्छा
सुन्दरौदन= सुन्दर + ओदन
सुरानुकूल= सुर + अनुकूल
सेवार्थ= सेवा + अर्थ
सोत्साह= स + उत्साह
सोऽहम= सः + अहम्
स्वार्थ= स्व + अर्थ
स्वेच्छा= स्व + इच्छा
सहोदर= सह + उदर
सम्मति= सम् + मति
स्वैर= स्व + ईर
स्वाधीन= स्व + अधीन
सज्जाति= सत् + जाति
समुदाय= सम् + उदाय
समुद्रोर्मि= समुद्र + उर्मि
समृद्धि= सम् + ऋद्धि
सख्युचित= सखी + उचित
सच्छात्र= सत् + शास्त्र
संभव= सम् + भव
संपूर्ण= सम् + पूर्ण
संक्रान्ति= सम् + क्रान्ति
संहार= सम् + हार
संवत्= सम् + वत्
संसार= सम् + सार
संपर्क= सम् + पर्क
सन्धि= सम् + धि
संगम= सम् + गम
संकोच= सम् + कोच
संचय= सम् + चय
स्थानान्तर= स्थान + अंतर
स्वच्छन्द= स्व + छन्द
स्वात्मबल= स्व + आत्मबल
सुखोपभोग= सुख + उपभोग
साभिलाष= स + अभिलाष
सावकाश= स + अवकाश
सम्मानास्पद= सम् + मान + आस्पद
संग्रहालय= सम् + ग्रह + आलय
सदसद्विवेकिनी= सत् + असत् + विवेकिनी
सच्चिदानन्द= सत् + चित् + आनन्द
सर्वतोभावेन= सर्वतः + भावेन
स्वर्गारोहण= स्वर्ग + आरोहण
स्वेच्छाचारी= स्वेच्छा + आचारी

(ह, ज्ञ )

हिमांचल = हिम + अंचल
हिमालय= हिम + आलय
हरिश्चन्द्र= हरिः + चन्द्र
ह्रदयानन्द= ह्रदय + आनन्द
हताश= हत + आश
हितोपदेश= हित + उपदेश
हरीच्छा= हरि + इच्छा
ह्रदयहारिणी= ह्रदय + हारिणी
हिमाच्छादित= हिम + आच्छादित
हरेक= हर + एक
ज्ञानोपदेश= ज्ञान+उपदेश
हृद्येश= हृद् + देश

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