Category: पौराणिक कथाएं

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धर्मराज युधिष्ठिर

धर्मराज युधिष्ठिर युधिष्ठिर पांडु का ज्येष्ठ पुत्र था| धर्मराज द्वारा कुंती के आह्वान पर बुलाए जाने पर उनके अंश से ही यह पैदा हुआ था, इसलिए धर्म और न्याय इसके चरित्र में कूट-कूटकर भरा था| इसी के कारण इसको धर्मराज युधिष्ठिर पुकारा जाता था| वह कभी असत्य नहीं बोलता था, तभी शत्रु पक्ष के लोग…
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ऐसे बचाई द्रौपदी की लाज

ऐसे बचाई द्रौपदी की लाज युधिष्ठिर जुए में अपना सर्वस्व हार गए थे| छलपूर्वक, शकुनि ने उनका समस्त वैभव जीत लिया था| अपने भाइयों को, अपने को और रानी द्रौपदी को भी बारी-बारी से युधिष्ठिर ने दांव पर रखा| जुआरी की दुराशा उसे बुरी तरह ठगती रहती है – ‘कदाचित अबकी बार सफलता मिले|’ किंतु…
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कृष्ण रूक्मणी विवाह कथा

विदर्भ के राजा भीष्मक की कन्या रूक्मिणी थी, रूक्मिणी के भाई थे रूक्म। रूक्म अपनी बहन की शादी शिशुपाल से करना चाहता था परंतु देवी रूक्मणी अपने मन में श्री कृष्ण को पति मान चुकी थी। अत: देवी रूक्मणी ने श्री कृष्ण को एक पत्र लिखा। पत्र प्राप्त कर श्री कृष्ण विदर्भ पहुंचे और स्वयंवर…
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मायावी घटोत्कच

भीमसेन का विवाह हिडिंबा नाम की एक राक्षसी के साथ भी हुआ था| वह भीमसेन पर आसक्त हो गई थी और उसने स्वयं आकर माता कुंती से प्रार्थना की थी कि वे उसका विवाह भीमसेन के साथ करा दें| कुंती ने उस विवाह की अनुमति दे दी, लेकिन भीमसेन ने विवाह करते समय यह कवच…
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शनिदेव पर तेल क्यों चढ़ाते हैं?

आनंद रामायण की एक कथा के अनुसार लंका पर चढ़ाई के लिए समुद्र पर बांधे गए पुल की सुरक्षा का भार हनुमानजी को सौंपा गया था। हनुमानजी रात में भगवान राम का ध्यान करते हुए पुल की रक्षा कर रहे थे कि वहां शनिदेव आ पहुंचे और उन्हें व्यंग्यबाणों से परेशान करने लगे।हनुमानजी ने शनिदेव…
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राधा-कृष्ण

राधा-कृष्ण सतयुग और त्रेता युग बीतने के बाद जब द्वापर युग आया तो पृथ्वी पर झूठ, अन्याय, असत्य, अनाचार और अत्याचार होने लगे और फिर प्रतिदिन उनकी अधिकता में वृद्धि होती चली गई| अधर्म के भार से पृथ्वी दुखित हो उठी| उसने ब्रह्मा, विष्णु और शिव के पास पहुंचकर प्रार्थना की कि वे उसे इस…
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हनुमान जी और भीम

हनुमान जी और भीम भीम को यह अभिमान हो गया था कि संसार में मुझसे अधिक बलवान कोई और नहीं है| सौ हाथियों का बल है उसमें, उसे कोई परास्त नहीं कर सकता… और भगवान अपने सेवक में किसी भी प्रकार का अभिमान रहने नहीं देते| इसलिए श्रीकृष्ण ने भीम के कल्याण के लिए एक…
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संक्षिप्त हनुमान कथा

हनुमान जी का जन्म त्रेता युग मे अंजना(एक नारी वानर) के पुत्र के रूप मे हुआ था। अंजना असल मे पुन्जिकस्थला नाम की एक अप्सरा थीं, मगर एक शाप के कारण उन्हें नारी वानर के रूप मे धरती पे जन्म लेना पडा। उस शाप का प्रभाव शिव के अन्श को जन्म देने के बाद ही…
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शनी की महत्ता

शनी की महत्ता एक समय स्वर्गलोक में सबसे बड़ा कौन के प्रश्न को लेकर सभी देवताओं में वाद-विवाद प्रारम्भ हुआ और फिर परस्पर भयंकर युद्ध की स्थिति बन गई। सभी देवता देवराज इंद्र के पास पहुंचे और बोले, हे देवराज! आपको निर्णय करना होगा कि नौ ग्रहों में सबसे बड़ा कौन है? देवताओं का प्रश्न…
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दुरात्मा कीचक

दुरात्मा कीचक द्रौपदी के साथ पाण्डव वनवास के अंतिम वर्ष अज्ञातवास के समय में वेश तथा नाम बदलकर राजा विराट के यहां रहते थे| उस समय द्रौपदी ने अपना नाम सैरंध्री रख लिया था और विराट नरेश की रानी सुदेष्णा की दासी बनकर वे किसी प्रकार समय व्यतीत कर रही थीं|परस्त्री में आसक्ति मृत्यु का…
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