Category: सम्पूर्ण हिन्दी व्याकरण Hindi Grammar

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मौखिक अभिव्यक्ति (Oral Expression)

मौखिक अभिव्यक्ति (Oral Expression) आप यह जानते ही हैं कि मनुष्य दो प्रकार से अपने भावों को प्रकट करता है- बोलकर और लिखकर। इसी आधार पर भाषा के दो रूप बने हैं- मौखिक और लिखित। मौखिक भाषा से दो प्रकार के कौशलों का विकास होता है- वाचन (बोलना) और श्रवण (सुनना)। मौखिक अभिव्यक्ति का उद्देश्य…
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व्याख्या (Explanation)  

व्याख्या (Explanation) गद्य और पद्य में व्यक्त भावों अथवा विचारों को विस्तारपूर्वक लिखने को व्याख्या कहते हैं। सरल शब्दों में- ‘व्याख्या’ किसी भाव या विचार के विस्तार और विवेचन को कहते हैं। व्याख्या में पद-निर्देश, अलंकार, कठिन शब्दों का अर्थ तथा समानांतर पंक्तियों से तुलना आवश्यक है। व्याख्या न भावार्थ है, और न आशय। यह इन…
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श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द (Homonyms Words) की परिभाषा

श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द (Homonyms Words) की परिभाषा ऐसे शब्द जो पढ़ने और सुनने में लगभग एक-से लगते हैं, परंतु अर्थ की दृष्टि से भिन्न्न होते हैं, श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में- कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनमें स्वर, मात्रा अथवा व्यंजन में थोड़ा-सा अन्तर होता है। वे बोलचाल में लगभग एक जैसे लगते…
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विराम चिह्न (Punctuation Mark) की परिभाषा

विराम चिह्न (Punctuation Mark) की परिभाषा भित्र-भित्र प्रकार के भावों और विचारों को स्पष्ट करने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग वाक्य के बीच या अंत में किया जाता है, उन्हें ‘विराम चिह्न’ कहते है। दूसरे शब्दों में- विराम का अर्थ है – ‘रुकना’ या ‘ठहरना’ । वाक्य को लिखते अथवा बोलते समय बीच में कहीं…
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भावार्थ (Substance) की परिभाषा-

भावार्थ (Substance) की परिभाषा- भावार्थ अर्थ और व्याख्या के बीच की चीज है। इसमें न तो अर्थ-लेखन की भाँति गद्य या पद्य के प्रत्येक शब्द के अर्थ पर ध्यान दिया जाता है और न व्याख्या की भाँति अर्थ-विश्लेषण एवं साहित्य-सौंदर्य के स्पष्टीकरण पर ही। भावार्थ में किसी उद्धरण में निहित केंद्रीय भाव को संक्षिप्त एवं…
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शब्द शक्ति (Word-Power) की परिभाषा

शब्द शक्ति (Word-Power) की परिभाषा शब्द का अर्थ बोध करानेवाली शक्ति ‘शब्द शक्ति’ कहलाती है। शब्द-शक्ति को संक्षेप में ‘शक्ति’ कहते हैं। इसे ‘वृत्ति’ या ‘व्यापार’ भी कहा जाता है। सरल शब्दों में- मिठाई या चाट का नाम सुनते ही मुँह में पानी भर आता है। साँप या भूत का नाम सुनते ही मन में भय…
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शब्द (Etymology) विचार की परिभाषा

शब्द (Etymology) विचार की परिभाषा दो या दो से अधिक वर्णो से बने ऐसे समूह को ‘शब्द’ कहते है, जिसका कोई न कोई अर्थ अवश्य हो। दूसरे शब्दों में- ध्वनियों के मेल से बने सार्थक वर्णसमुदाय को ‘शब्द’ कहते है। इसे हम ऐसे भी कह सकते है- वर्णों या ध्वनियों के सार्थक मेल को ‘शब्द’ कहते…
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वाच्य (Voice) की परिभाषा

वाच्य (Voice) की परिभाषा क्रिया के उस परिवर्तन को वाच्य कहते हैं, जिसके द्वारा इस बात का बोध होता है कि वाक्य के अन्तर्गत कर्ता, कर्म या भाव में से किसकी प्रधानता है। इनमें किसी के अनुसार क्रिया के पुरुष, वचन आदि आए हैं। इस परिभाषा के अनुसार वाक्य में क्रिया के लिंग, वचन चाहे…
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शब्दों की अशुद्धियाँ (Shbdo ki ashudhiya)

शब्दों की अशुद्धियाँ (Shbdo ki ashudhiya) व्याकरण के सामान्य नियमों की ठीक -ठीक जानकारी न होने के कारण विद्यार्थी से बोलने और लिखने में प्रायः भद्दी भूलें हो जाया करती हैं। शुद्ध भाषा के प्रयोग के लिए वर्णों के शुद्ध उच्चारण, शब्दों के शुद्ध रूप और वाक्यों के शुद्ध रूप जानना आवश्यक हैं। विद्यार्थी से…
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वाक्य शुद्धि (Sentence-Correction)

वाक्य शुद्धि (Sentence-Correction) वाक्य भाषा की अत्यंत महत्वपूर्ण इकाई होता है। अतएव परिष्कृत भाषा के लिए वाक्य-शुद्धि का ज्ञान आवश्यक है। वाक्य-रचना में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, अव्यय से संबंधित या अन्य प्रकार की अशुद्धियाँ हो सकती है। इन्हीं को आधार बनाकर परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते हैं। नीचे कुछ उदाहरण दिए जा रहे है-…
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