Category: सम्पूर्ण हिन्दी व्याकरण Hindi Grammar

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युग्म शब्द की परिभाषा

युग्म शब्द की परिभाषा हिंदी के अनेक शब्द ऐसे हैं, जिनका उच्चारण प्रायः समान होता हैं। किंतु, उनके अर्थ भिन्न होते है। इन्हे ‘युग्म शब्द’ कहते हैं। दूसरे शब्दों में- हिन्दी में कुछ शब्द ऐसे हैं, जिनका प्रयोग गद्य की अपेक्षा पद्य में अधिक होता है। इन्हें ‘युग्म शब्द’ या ‘समोच्चरितप्राय भित्रार्थक शब्द’ कहते हैं। यहाँ…
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उपवाक्य (Clause) की परिभाषा

उपवाक्य (Clause) की परिभाषा ऐसा पदसमूह, जिसका अपना अर्थ हो, जो एक वाक्य का भाग हो और जिसमें उदेश्य और विधेय हों, उपवाक्य कहलाता हैं। उपवाक्यों के आरम्भ में अधिकतर कि, जिससे ताकि, जो, जितना, ज्यों-त्यों, चूँकि, क्योंकि, यदि, यद्यपि, जब, जहाँ इत्यादि होते हैं। उपवाक्य के प्रकार उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं- (1)…
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वाक्य विचार (Syntax) की परिभाषा

वाक्य विचार (Syntax) की परिभाषा वह शब्द समूह जिससे पूरी बात समझ में आ जाये, ‘वाक्य’ कहलाता हैै। दूसरे शब्दों में- विचार को पूर्णता से प्रकट करनेवाली एक क्रिया से युक्त पद-समूह को ‘वाक्य’ कहते हैं। सरल शब्दों में- सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे अपेक्षित अर्थ प्रकट हो, वाक्य कहलाता है। जैसे- विजय खेल रहा है,…
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संधि (Seam) की परिभाषा

संधि (Seam) की परिभाषा दो वर्णों ( स्वर या व्यंजन ) के मेल से होने वाले विकार को संधि कहते हैं। दूसरे अर्थ में- संधि का सामान्य अर्थ है मेल। इसमें दो अक्षर मिलने से तीसरे शब्द रचना होती है, इसी को संधि कहते हैै। उन पदों को मूल रूप में पृथक कर देना संधि विच्छेद…
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अनेकार्थी शब्द की परिभाषा

अनेकार्थी शब्द की परिभाषा ऐसे शब्द, जिनके अनेक अर्थ होते है, अनेकार्थी शब्द कहलाते है। दूसरे शब्दों में- जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं, उन्हें ‘अनेकार्थी शब्द’ कहते है। अनेकार्थी का अर्थ है – एक से अधिक अर्थ देने वाला। यहाँ कुछ प्रमुख अनेकार्थी शब्द दिया जा रहा है। ( अ, उ )…
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यहाँ कुछ प्रमुख एकार्थक शब्द दिया जा रहा है।

यहाँ कुछ प्रमुख एकार्थक शब्द दिया जा रहा है। अहंकार- मन का गर्व। झूठे अपनेपन का बोध। दर्प- नियम के विरुद्ध काम करने पर भी घमण्ड करना। अभिमान- प्रतिष्ठा में अपने को बड़ा और दूसरे को छोटा समझना। घमण्ड- सभी स्थितियों में अपने को बड़ा और दूसरे को हीन समझना। अनुग्रह- कृपा। किसी छोटे से प्रसत्र होकर उसका कुछ उपकार…
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अलंकार (Figure of speech) की परिभाषा-

अलंकार (Figure of speech) की परिभाषा- जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है। दूसरे अर्थ में- काव्य अथवा भाषा को शोभा बनाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते है। संकीर्ण अर्थ में- काव्यशरीर, अर्थात् भाषा को शब्दार्थ से सुसज्जित तथा सुन्दर बनानेवाले चमत्कारपूर्ण मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते है। अलंकार का शाब्दिक अर्थ है…
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छन्द (Metres) की परिभाषा

छन्द (Metres) की परिभाषा वर्णो या मात्राओं के नियमित संख्या के विन्यास से यदि आहाद पैदा हो, तो उसे छंद कहते है। दूसरे शब्दो में-अक्षरों की संख्या एवं क्रम, मात्रागणना तथा यति-गति से सम्बद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्यरचना ‘छन्द’ कहलाती है। महर्षि पाणिनी के अनुसार जो आह्मादित करे, प्रसन्न करे, वह छंद है (चन्दति…
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रस (Sentiments) की परिभाषा

रस (Sentiments) की परिभाषा रस का शाब्दिक अर्थ है ‘आनंद’ । काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनंद की अनुभूति होती है, उसे ‘रस’ कहा जाता है। भोजन रस के बिना यदि नीरस है, औषध रस के बिना यदि निष्प्राण है, तो साहित्य भी रस के बिना निरानंद है। यही रस साहित्यानंद को ब्रह्मानंद-सहोदर…
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समास (Compound) की परिभाषा-

समास (Compound) की परिभाषा- अनेक शब्दों को संक्षिप्त करके नए शब्द बनाने की प्रक्रिया समास कहलाती है। दूसरे अर्थ में- कम-से-कम शब्दों में अधिक-से-अधिक अर्थ प्रकट करना ‘समास’ कहलाता है। अथवा, दो या अधिक शब्दों (पदों) का परस्पर संबद्ध बतानेवाले शब्दों अथवा प्रत्ययों का लोप होने पर उन दो या अधिक शब्दों से जो एक स्वतन्त्र…
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