मेवाड़ पर्व पर निबंध
मेवाड़ का इतिहास – उदयपुर फेस्टिवल – Mewar Festival 2021 – essay on mewar festival in hindi
रुपरेखा : प्रस्तावना – मेवाड़ का त्यौहार कब है – मेवाड़ का इतिहास – उदयपुर का लोकप्रिय त्यौहार – मेवाड़ त्यौहार कैसे मनाया जाता है – मेवाड़ उत्सव का महत्व – उपसंहार।
प्रस्तावना –
मेवाड़ पर्व राजस्थान के उदयपुर में मनाया जानेवाला महोत्सव है। यह एक ऐसा त्योहार है, जो वसंत के आगमन का प्रतीक है और उदयपुर में संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न अंग है। उदयपुर के सभी लोग उत्साहपूर्वक इस उत्सव में भाग लेते हैं। इस उत्सव में केवल देशी ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटन भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। झीलों की इस नगरी में इतिहास के जीवंत दर्शन के साथ ही अद्भुत वास्तुकला देखने का अवसर मिलता है।
मेवाड़ का त्यौहार कब है –
भारत में मेवाड़ का त्योहार वर्ष 2021 में बड़े उत्साह के साथ 27 मार्च, शनिवार से 29 मार्च, सोमवार तक मनाया जायेगा।
मेवाड़ का इतिहास –
पौराणिक कथा के अनुसार मेवाड़ महोत्सव का इतिहास उस समय से पहले का है, जब भारत के इस हिस्से पर सिसोदिया राजवंश का शासन था। इतिहास के अनुसार, महाराणा उदय सिंह शिकार करते समय एक दिव्य व्यक्ति से मिले थे, जो उस समय पहाड़ी पर ध्यानमग्न बैठे थे। जब राजन ने उन्हें प्रणाम किया तो उन्होंने राजा से उस स्थान पर किले का निर्माण कराने के लिए कहा। राजा ने उनकी सलाह मान ली और महल का निर्माण किया और शहर की स्थापना की और उस शहर का नाम उदयपुर रखा गया। तब से हर वर्ष वहा मेवाड़ महोत्सव का भव्य कार्यक्रम का आयोजन होता है।
उदयपुर का लोकप्रिय त्यौहार –
मेवाड़ का त्योहार उदयपुर का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है। हर साल भारत का राज्य राजस्थान में बसा उदयपुर शहर के लोगों द्वारा वसंत ऋतु (ऋतुओं का राजा के आगमन) पर उसके स्वागत में महान जोश और आनंद के साथ मनाया जाता है। यह भारत का विश्व विसारत का दूसरा जीवित सांस्कृतिक त्योहार है, जो उदयपुर में वार्षिक रुप से मनाया जाता है। यह इस वर्ष 2021 में तीन दिनों; 27 मार्च से 29 मार्च तक चलेगा जो हर वर्ष मजेदार गतिविधियों से भरा होता है। यह भारत के विरासत के शहर उदयपुर में भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपरा का नेतृत्व के साथ ही राजस्थान में मेवाड़ की सभी जीवित विरासतों की रक्षा करने के लिए मनाया जाता है। पर्यटकों के लिए उदयपुर, भारत के प्रसिद्ध मनोरंजक और रुहानी स्थलों में से एक है, जो एक झील, पीचोला के किनारे स्थित है और यह बहुत सुंदर और आकर्षक पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यह बहुत से संरक्षित आश्रयस्थलों या अभ्यारण के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ हर साल विश्व विरासत का दूसरा जीवित त्योहार, मेवाड़ त्योहार मनाता है। मेवाड़ त्योहार का समारोह सभी को मेवाड़ की सभी जीवित धरोहरों जैसे- कला, पारंपरिक गायन, नृत्य्, भोजन, रंगों, सांस्कृतिक विविधता आदि को प्रदर्शित करने का अवसर देता है।
मेवाड़ त्यौहार कैसे मनाया जाता है –
मेवाड़ त्योहार हर साल मेवाड़ क्षेत्र की पारंपरिक, सांस्कृतिक, कालत्मक मनोरंजक गतिविधियों को आयोजित करने के द्वारा मनाया जाता है। हर साल रंगारंग उत्सव का आयोजन मेवाड़ की जीवित विरासत को मनाने के लिए किया जाता है। लोग इस त्योहार में शामिल होते हैं और मनोरंजन से भरी हुई गतिविधियों का आनंद लेने के लिए भागीदारी करने के साथ ही पेशेवर कलाकारों से स्थानीय कलाओं को सीधे रुप से सीखते हैं। मेवाड़ में पुरानी कला की शैली का नए रुप में पुनर्निर्माण करने के लिए परंपरागत हस्तकला को आधुनिक और समकालीन शैली के साथ मिलाने के उद्देश्य के लिए आयोजन किया जाता है। यह आयोजन ऐतिहासिक कला और शिल्पकला के नए युग में नए विकासों को संभव बनाकर पूरे तीन दिनों के लिए हस्तशिल्पकारों को साथ में रहकर अपने गुणों और कलाओं में नए प्रयासों को दिखाने का अवसर प्रदान करता है। यह त्योहार विरासत संरक्षण की प्रक्रिया को नियमित रखने के उद्देश्य से महाराणा ऑफ मेवाड़ चैरीटेबल फाउंडेशन के द्वारा आयोजित किया जाता है। कई अन्य आयोजित उत्सव जैसे रंगोली अर्थात् एच.आर.एच ग्रुप ऑफ होटल के माध्यम से भोजन और पेय पदार्थों की रंगीन प्रस्तुति की जाती है। भोजन के सांस्कृतिक, परंपरागत, और रंगीन व्यंजनों को बनाने के लिए वहाँ पेशेवर रसोईये रहते हैं। उत्सव के दौरान तीन दिनों तक पेशेवर लोकगायकों और लोकनृत्यकों के द्वारा लोकगीत और लोकनृत्य का भी प्रदर्शन किया जाता है, जहाँ पूरे भारत वर्ष से पेशेवर कलाकारों को अपनी योग्यता दिखाने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
मेवाड़ उत्सव का महत्व –
मेवाड़ उत्सव मेवाड़ के लोगों द्वारा वार्षिक रुप से वसंत ऋतु की शुरुआत का स्वागत करने के लिए मनाया जाता है, जो पूरे भारत में आकर्षण और खुशियाँ बाँटता है। यह उदयपुर के गनगौर त्योहार के साथ मनाया जाता है, जो राजस्थान की महिलाओं के लिए बहुत अधिक महत्व रखता है। वे उत्सव में शामिल होने के लिए पारंपरिक और सांस्कृतिक परिधानों में स्वंय को बहुत अच्छे से तैयार करती है। वे समारोह में आकर्षण पैदा करने के लिए उत्सव के समारोह के दौरान विशेष लोकनृत्य का प्रदर्शन करती है। इस त्योहार में विभिन्न प्रकार की रस्में और परंपरागत गतिविधियों की भागीदारी होती है।
उपसंहार –
मेवाड़ पर्व राजस्थान के उदयपुर में मनाया जानेवाला महोत्सव है। यह एक ऐसा त्योहार है, जो वसंत के आगमन का प्रतीक है और उदयपुर में संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न अंग है। उदयपुर के सभी लोग उत्साहपूर्वक इस उत्सव में भाग लेते हैं। मेवाड़ का त्योहार उदयपुर का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है। यह भारत के विरासत के शहर उदयपुर में भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपरा का नेतृत्व के साथ ही राजस्थान में मेवाड़ की सभी जीवित विरासतों की रक्षा करने के लिए मनाया जाता है। पर्यटकों के लिए उदयपुर, भारत के प्रसिद्ध मनोरंजक और रुहानी स्थलों में से एक है, जो एक झील, पीचोला के किनारे स्थित है और यह बहुत सुंदर और आकर्षक पहाड़ियों से घिरा हुआ है। मेवाड़ त्योहार हर साल मेवाड़ क्षेत्र की पारंपरिक, सांस्कृतिक, कालत्मक मनोरंजक गतिविधियों को आयोजित करने के द्वारा मनाया जाता है।