मेक इन इंडिया पर निबंध
Make In India Essay In Hindi – मेक इन इंडिया – Make In India Hindi Essay – Make In India Par Nibandh – Essay On Make In India In Hindi – मेक इन इंडिया इन हिंदी निबंध
रूपरेखा : परिचय – मेक इन इंडिया की शुरुआत – मेक इन इंडिया का उद्देश्य – देश की अर्थव्यवस्था – मेक इन इंडिया के लिए प्रतिक्रिया – मेक इन इंडिया योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें – मेक इन इंडिया कैम्पेन – मेक इन इंडिया के फायदे – उपसंहार।
परिचय
मेक इन इंडिया भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी एक नई पहल है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सभी राज्यों के सरकारों, भारतीय व्यवसायी, विदेशी व्यवसायी से मुलाकात की और उन्हें भारत में निवेश करने के लिए प्रेरित किया था। इस योजना का कई बड़ी कंपनियां साथ दे रही थीं और साथ-ही-साथ उन कंपनियों ने भारत में कई जगह अपने कारखानों को स्थापित कर भारत में निवेश किया है और साथ में कई भारतीय लोगों को इससे रोजगार भी मिल रहा है।
मेक इन इंडिया की शुरुआत
साल 2013 में, बहुत से उभरते उभरते बाजार का नुकसान हो गया था और विकास दर बढ़ गई थी। उस समय, भारत एक गंभीर स्थिति में आर्थिक संकट था। वैश्विक निवेशक इस बात पर बहस कर रहे थे कि क्या भारत में निवेश करना एक अवसर या एक जोखिम होगा। इसी बीच भारत के प्रधानमंत्री ने 25 सितंबर, 2014 को ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम का आरंभ किया। ‘मेक इन इंडिया’ का शुभारंभ नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है कि लोगों द्वारा रोजमर्रा में उपयोग किए जाने वाले समान का निर्माण इंडिया में हो अर्थात स्वदेशी हो। इस योजना को और बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने के लिए औद्योगिक नीति व विकास विभाग द्वारा 29 दिसंबर, 2014 को एक वर्कशॉप आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी के साथ उनके कैबिनेट मंत्री, सभी राज्यों के मुख्य सचिव व बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री के लीडर भी शामिल थे।
मेक इन इंडिया का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करना है। इस अभियान के तहत देश में रोजगार बढ़ेंगे और बेरोजगारी की समस्या दूर होगी साथ में कई क्षेत्रों में कौशल विकास होगा। जिससे देश-विदेश में सभी बड़े निवेशकों का ध्यान हमारी ओर केंद्रित होगा। मेक इन इंडिया का उद्देश्य भारत में नई तकनिकी का आविष्कार और भारत में ही बनाए जाने वाले उत्पादों को बढ़ावा देना है। इस अभियान का लक्ष्य है कि विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए जागृत करना तथा भारत में ही उत्पादों को बनाने का प्रोत्साहन दिया जाए।
इस योजना के तहत भारतीय कंपनियों के उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत में आज असाक्षरता, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गरीबी और स्वास्थ्य सेवाओं में कमी मौजूद है। मेक इन इंडिया अभियान के जरिये इन सभी समस्याओं को भारत से दूर करने की एक बहुत ही अच्छी पहल है। भारत सरकार के अनुसार ‘मेक इन इंडिया’ द्वारा भारत में कई स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और किफायती आवास योजना लोगों को मिलने की आशा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बड़े निवेशकों की सहायता से देश में मजबूत विकास और मूल्यवान रोजगार हर घर के लोगों तक सुनिश्चित करना है।
देश की अर्थव्यवस्था
भारत में अधिक सामान बनने से समान की कीमत कम होगी और बाहर से निर्यात होने देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। इसके अतिरिक्त देश में रोजगार बढ़ेगा, गरीबी कम होगी। कई उत्पादों कम कीमत पर मिलेगा। दूसरे मुल्क के निवेशक हमारे यहाँ आकर पैसा निवेश करेंगे जिससे देश में बाहर से पैसा आएगा साथ ही की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। देश के युवाओं को अपनी सोच सबको बताने का अवसर मिलेगा। देश के युवा विदेश में जाकर काम करने की जगह, यही रहकर काम करना पसंद करेंगे।
मेक इन इंडिया के लिए प्रतिक्रिया
सितंबर, 2014 में जब इस योजना की शुरुआत हुई थी तब कुछ विदेशी कंपनी भारत देश में निवेश करने के लिए आगे आए थे। जनवरी, 2015 को स्पाइस मोबाईल कंपनी के मालिक ने उत्तरप्रदेश के साथ डील करके वहां पर अपने मोबाइल फोन बनाने की कंपनी स्थापित की। साथ ही जनवरी, 2015 में ही सैमसंग मोबाईल कंपनी के सीईओ ह्यून चिल होंग MSME के मंत्री कलराज मिश्रा से मिले थे और नोएडा में इसके प्रोजेक्ट शुरू करने का विचार प्रस्तुत किया था। फरवरी, 2015 में हिताची ने भी भारत में निवेश की बात कही और आज चेन्नई में अपनी एक कंपनी वहां स्थापित किया।
फरवरी, 2015 में HUAWEI ने बैगलुरु में अपना रिसर्च व् डेवलोपमेंट कैंपस खोला। इसके साथ ही उन्होंने टेलीकॉम हार्डवेयर प्लांट चेन्नई में बनाने की बात कही जिसे चेन्नई सरकार से मान्यता दे दी थी। फरवरी, 2015 में XIAOMI मोबाइल कंपनी ने आंध्रप्रदेश सरकार के साथ काम करने का प्रस्ताव रखा। अगस्त, 2015 में लेनोवो ने उनके मोटोरोला के मोबाइल फोन चेन्नई के पास प्लांट में बनाना शुरू किया। दिसंबर, 2015 में VIVO मोबाइल कंपनी ने नॉयडा में अपने मोबाइल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जिसमें 2200 लोगों को काम पर रखा गया।
दिसंबर, 2015 में जापान के प्रधानमंत्री भारत दौरे में थे उन्होंने मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के लिए जापान की तरफ से 12 लाख करोड़ का फंड दिया। इसके साथ जब नरेंद्र मोदी दिसंबर में रूस दौरे पर थे, तब उन्होंने मेक इन इंडिया कैम्पेन के तहत अब तक कि सबसे बड़ी डील साइन की थी। इसके साथ-साथ कई विदेशी कंपनियों ने सरकार को अपने प्लांस भेजे और साथ देने का प्रस्ताव भेजा। आज भारत सरकार को दुनिया भर की ढेरों कंपनियां ने प्रोपोसल भेजे हैं जो भारत में काम शुरू करना चाहते हैं।
मेक इन इंडिया योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
इस योजना ने देश-विदेश सभी स्थानों के निवेशकों के लिए भारत में व्यापार करने के दरवाजे खोल दिए हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां आज भारत में निवेश रही हैं। भारत एक लोकतंत्र देश है जो अब अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की राह पर चल पड़ा है।
सरकार ने इस योजना के लिए 25 सेक्टर का चुनाव किया है जैसे – ऑटोमोबाइल, बायोटेक्नोलाजी, केमिकल, इलेक्ट्रोनिक्स, फ़ूड प्रोसेसिंग, इम्फोर्मेशन टेक्नोलोजी, लेदर, माइनिंग, मिडिया व एंटरटेनमेंट, आउल व गैस, रेलवे, पोर्ट्स एंड शिपिंग, टेक्सटाइल व गारमेंट्स, थर्मल पॉवर, टूरिज्म, थर्मल पॉवर, इलेक्ट्रिकल मशीन, रोड व हाईवे, विमान उद्योग, निर्माण आदि। इसके अलावा रक्षा, स्पेस और भी दूसरे सेक्टर के रास्ते यहाँ निवेश के लिए खुल गए।
आंकलन के अनुसार ये योजना 20 हजार करोड़ की थी, लेकिन शुरुआत में इसके लिए 930 करोड़ का इन्वेस्टमेंट प्लान किया गया था, जिसमें से 580 करोड़ भारत की सरकार दे रही थी।
मेक इन इंडिया कैम्पेन
मेक इन इंडिया कैम्पेन को जन-जन तक पहुँचाने के लिए 13, फरवरी 2016 को मुंबई में मेक इन इंडिया वीक इवेंट मनाया गया था। यहाँ 2500 अंतर्राष्ट्रीय व 8000 राष्ट्रिय कंपनियों ने हिस्सा लिया था इसके साथ ही 72 देशों के बिजनेश टीम व देश के 17 प्रदेशों से भी लोग आये थे। मेक इन इंडिया की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार से मेक इन महाराष्ट्र कैम्पेन शुरू किया। इसका उद्देश्य मेक इन इंडिया को और आगे बढ़ाना है। इससे महाराष्ट्र में व्यापार के लिए लोग आकर्षित होंगे और देश तथा राज्य का अर्थव्यवस्था सुधरेगी।
मेक इन इंडिया के फायदे
मेक इन इंडिया अभियान की मदद से बहुत से बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल रहा है इसी वजह से देश का विकास हो रहा है। इस अभियान की सहायता से हम अपने भारत देश को अन्य विकसित देशों को सूचि में जल्द ही देख सकते है। अगर बाहरी देशों की कंपनियां हमारे देश में शाखाएं बनायेंगे तो हमारे भारत के साथ-साथ उन्हें भी फायदा होगा और देश के लोगों को कम दाम में उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे और साथ में लोगों को रोजगार मिलता रहेगा। इससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार और देश का विकास होगा।
मेक इन इंडिया अभियान के शुरू होने से भारत में जोर शोर से कई निवेशकों ने विनिर्माण, वस्त्र, ऑटोमोबाइल, उत्पादन, खुदरा, रसायन, आईटी, बंदरगाह, फार्मास्यूटिकल, पर्यटन, कल्याण, आदि ने रेलवे के क्षेत्र में निवेश किया है जो भारत के लिए एक बहुत ही अच्छी बात है।
मेक इन इंडिया के शुभारंभ के दिन सभी अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय कंपनियों को इस अभियान का साथ देने के लिए आमंत्रित किया गया था। मेक इन इण्डिया अभियान ने भारत में अंतर्राष्ट्रीय व्यापर में निवेश के क्षेत्र में एक क्रांति उत्पन्न कर दी है। कई विदेशी कंपनियां अपनी शाखाओं को भारत में शुरू कर रही है जिससे आने वाले सालों में लोगों के लिए रोजगार का एक अच्छा माध्यम होगा।
उपसंहार
मेक इन इंडिया अभियान भारत को विकसित बनाने में एक बेहतरीन पहल साबित हुई है। भारत सरकार अपनी पूरी कोशिश कर रही है मेक इन इंडिया को सही मार्ग देने की और लोगों को प्रेरित करने की। हमें स्वदेशी अपनाने की सोचनी चाहिए जिससे भारत को लाफ मिले और भारत की अर्थव्यवस्था बने रहे।