मेरी माँ NCERT Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Questions and Answers

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मेरी माँ NCERT Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Questions and Answers

Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Question Answer मेरी माँ लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ में जो कुछ जीवन तथा साहस आया, वह किसकी कृपा का फल था ?
उत्तर:
रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ जी ने माता जी एवं गुरुदेव श्री सोमदेव जी की कृपा से कुछ जीवन और साहस पाया ।

प्रश्न 2.
बिस्मिल ने पिताजी के वकालतनामे पर हस्ताक्षर करने से क्यों इंकार कियां?
उत्तर:
एक बार बिस्मिल के पिताजी दीवानी मुकदमे में वकील से कह गए कि जो काम हो वह उनकी अनुपस्थिति में बिस्मिल से करा लें। बिस्मिल ने वकालतनामे पर पिताजी के हस्ताक्षर करने से मना कर दिया क्योंकि यह तो धर्म विरुद्ध होगा । सत्य का आचरण करने वाले बिस्मिल जी ने इस कार्य को पाप माना।

 

प्रश्न 3.
इस पाठ से विद्यार्थियों को क्या प्रेरणा मिलती है ?
उत्तर:
पाठ हमें जन्मदात्री माँ के प्रति आदर और प्रेम की भावना सिखाता है। माताओं की माता ‘माँ भारती’ की सेवा और उनकी रक्षा व स्वतंत्रता के लिए बलिदान हो जाने की प्रेरणा देता है।

प्रश्न 4.
प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी भगतसिंह ने बिस्मिल के बारे में क्या कहा?
उत्तर:
“रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ जी बड़े होनहार थे। क्रांतिकारी होने के साथ-साथ, वे महान साहित्यकार व लेखक भी थे। जानने वाले कहते हैं कि यदि किसी और जगह या किसी और देश या किसी और समय पैदा हुए होते तो सेनाध्यक्ष बनते ।” यह कहना था स्वतंत्रता सेनानी भगतसिंह का।

 

प्रश्न 5.
बिस्मिल जी ने कौन-सी आत्मकथा लिखी? इसका क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर:
बिस्मिल द्वारा लिखी आत्मकथा का नाम है ‘निज – जीवन की एक छटा।’ इस आत्मकथा के कारण अंग्रेज़ बिस्मिल को फाँसी देने के बाद भी हरा न सके। बिस्मिल भारतीय जनमानस में अमर हो गए।

प्रश्न 6.
लेखक ने अपनी माँ को देवी क्यों कहा?
उत्तर :
लेखक बताते हैं कि उनकी माँ देवी हैं। उनमें जो कुछ जीवन तथा साहस आया, वह उनकी माता जी की कृपाओं का ही परिणाम है।

प्रश्न 7.
माता जी ने लेखक से विवाह करने के लिए कब कहा ?
उत्तर :
माता जी का कहना था कि शिक्षा पा चुकने के बाद ही विवाह करना उचित है।

 

प्रश्न 8.
लेखक ने अपने जीवन में दृढ़ता कब प्राप्त की?
उत्तर :
माता जी के प्रोत्साहन तथा सद्व्यवहार ने लेखक के जीवन में वह दृढ़ता उत्पन्न की कि किसी आपत्ति तथा संकट के आने पर भी लेखक अपने संकल्प को न त्याग सके।

प्रश्न 9.
वकील ने किस काम के लिए लेखक को बुलाया ?
उत्तर :
वकील ने पिताजी के हस्ताक्षर वकालतनामे पर करने के लिए बुलाया ।

Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Question Answer मेरी माँ बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बिस्मिल की बहनों को छोटी आयु में शिक्षा कौन दिया करता था ?
(क) आचार्य
(ख) उनकी माताजी
(ग) पिताजी
(घ) दादी जी
उत्तर:
(ख) उनकी माताजी

प्रश्न 2.
माताजी ने गृहकार्य की शिक्षा किससे प्राप्त की?
(क) दादी जी
(ख) परिवार से
(ग) सहेलियों से
(घ) दादी जी को छोटी बहन से
उत्तर:
(ग) सहेलियों से

 

प्रश्न 3.
दादीजी ने अपनी छोटी बहन को कहाँ बुलाया था ?
(क) शाहजहाँपुर
(ग) दिल्ली
(ख) लखनऊ
(घ) गाँव में
उत्तर:
(क) शाहजहाँपुर

 

प्रश्न 4.
बिस्मिल जी ने अपनी आत्मकथा कहाँ लिखी थी ?
(क) आर्यसमाज कार्यालय से
(ख) जेल से
(ग) शाहजहाँपुर वाले घर से
(घ) लखनऊ से
उत्तर:
(ख) जेल से

प्रश्न 5.
रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ ने कौन-सा लोकप्रिय तराना लिखा था ?
(क) जय हो
(ख) वंदेमातरम
(ग) सरफ़रोशी की तमन्ना
(घ) ऐ मेरे वतन के लोगों
उत्तर:
(ग) सरफ़रोशी की तमन्ना

प्रश्न 6.
” धर्म – रक्षार्थ अपने पुत्रों की मृत्यु की खबर सुनी तो प्रसन्न हुई और अपने पुत्रों के बलिदान पर मिठाई बाँटी थी- ” बिस्मिल द्वारा लिखे इस कथन में किनकी बात हो रही है?
(क) गुरु गोविंद सिंह जी की धर्मपत्नी जी
(ख) बिस्मिल जी की माता जी
(ग) अपनी दादी जी की छोटी बहन की
(घ) अपनी माता जी की
उत्तर:
(क) गुरु गोविंद सिंह जी की धर्मपत्नी जी

प्रश्न 7.
“मुझे विश्वास है कि तुम यह समझकर धैर्य धारण करोगी। ” बिस्मिल जी ने अपनी माता जी से ऐसा क्यों कहा?
(क) क्योंकि उनका पुत्र कायरता का जीवन नहीं जीना चाहता था।
(ख) भारत माता की सेवा करते हुए प्राण न्योछावर कर देना चाहता था।
(ग) माताओं की माता ‘माँ भारती’ के लिए पुत्र द्वारा सर्वस्व न्योछावर कर देने पर बिस्मिल की माँ को गर्व होगा।
(घ) उपर्युक्त सारे कथन सही हैं।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सारे कथन सही हैं।

 

Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Questions मेरी माँ दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ अपने जीवन के अंतिम समय में अपनी माँ का स्मरण कर भावुक हो उठते हैं – अपने विचार प्रकट कीजिए ।
उत्तर:
‘बिस्मिल’ जी अपनी माँ द्वारा किए गए त्याग को स्मरण करते हैं। अपनी आत्मकथा ‘मेरी माँ’ में बिस्मिल कहते हैं कि उनके चरित्र निर्माण में माँ ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी दी गई शिक्षा के कारण बिस्मिल बड़े-से-बड़े संकटों में भी अधीर नहीं हुए। अपनी प्रेमपूर्ण वाणी और व्यवहार से माँ ने अपने बेटे को हमेशा देश-प्रेम, साहस और सत्य के पथ पर चलने की प्रेरणा दी। माँ की कृपा के कारण उन्होंने अपने जीवन लक्ष्य को प्राप्त किया। जीवन के अंतिम समय में वे अपनी माताजी के श्रीचरणों में बैठकर उनकी सेवा करने की इच्छा रखते हैं। जिसे प्रेम और दृढ़ता के साथ उनका जीवन सुधारा, उसका ऋण उतारने का प्रयत्न करने का भी अवसर बिस्मिल जी को न मिला। अपनी माँ की दया से देश सेवा में संलग्न हो सके। इन्हीं विचारों और भावनाओं को महसूस कर बिस्मिल भावुक हो उठते हैं।

प्रश्न 2.
वकील ने लेखक को क्या समझाया और लेखक ने क्या किया ?
उत्तर :
वकील साहब ने लेखक को बहुत समझाया कि मुकदमा खारिज हो जाएगा। किन्तु लेखक पर कुछ भी प्रभाव न हुआ और न ही लेखक ने हस्ताक्षर किए। लेखक अपने जीवन में सदैव सत्य का आचरण करते थे । चाहे कुछ भी हो जाए, सत्य बात कहते थे।

प्रश्न 3.
लेखक की माँ कौन थीं और उन्हें किसने गृहकार्य सिखाया ?
उत्तर :
लेखक की माँ नितांत अशिक्षित एक ग्रामीण कन्या के समान थीं। शाहजहाँपुर आने के थोड़े दिनों बाद दादी जी ने अपनी छोटी बहन को बुला लिया। उन्होंने लेखक की माँ को गृहकार्य की शिक्षा दी ।

प्रश्न 4.
लेखक की माँ पढ़ना-लिखना कब करतीं और परिश्रम का फल क्या मिला ?
उत्तर :
लेखक की माँ घर का सब काम कर चुकने के बाद जो कुछ समय मिल जाता उसमें पढ़ना-लिखना करती थीं। परिश्रम के फल से थोड़े दिनों में ही वह देवनागरी पुस्तकों का अध्ययन करने लगीं और छोटी आयु में लेखक की बहनों को शिक्षा देने लगीं।

Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Question Answer मेरी माँ मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्न

प्रश्न.
बलिदानी श्री रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ के किन गुणों ने आपको प्रभावित किया और क्यों?
उत्तर:
देशप्रेम : बिस्मिल जी का जीवन किसी भी उस व्यक्ति के लिए देश की रक्षा का प्रेरणा स्रोत बन सकता है जो देश से प्रेम करता है। उनका गीत ‘सरफरोशी की तमन्ना’ आज भी नई पीढ़ी को देश के लिए मर मिटने की भावना से ओतप्रोत कर देता है। मेरे जीवन का लक्ष्य भारतीय सेना में जाना है और मेरा मानना है कि महान वीर क्रांतिकारी ‘बिस्मिल’ के त्याग, देशप्रेम और सेवाभाव के मूल्य, विद्यार्थियों में नव जाग्रति उत्पन्न करते हैं।

अदम्य साहस ‘बिस्मिल’ जी का व्यक्तित्व साहस और निडरता से भरपूर था। वे सिखाते हैं कि देश – भक्ति की राह में संघर्षों और मृत्यु से क्या डरना ! हिम्मत और हौंसले के साथ जीवन में आगे बढ़े और कुर्बान होने का भी अलग आनंद है।

मातृप्रेम : माँ के चरणों को ‘बिस्मिल’ जी ने अपना संसार माना। वे अपने जीवन को सुधारने, देशसेवा में संलग्न होने, धार्मिक और आत्मिक उन्नति का श्रेय अपनी जन्मदात्री माँ को देते हैं। जिस प्रकार ‘बिस्मिल’ जी ने अपनी माँ के अगाध प्रेम और योगदान के विचार, दिल को छू लेने वाले हैं।.. इस प्रकार बिस्मिल जी के उच्च आदर्श और गुण प्रभावित करते हैं।

Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Questions अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

नीचे लिखे गद्यांशों को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

[1]

उन्होंने हिंदी पढ़ना आरंभ किया। पढ़ने का शौक उन्हें खुद ही पैदा हुआ था। मुहल्ले की सखी-सहेली जो घर पर आया करती थीं, उन्हीं में जो शिक्षित थीं, माताजी उनसे अक्षर-बोध करतीं। इस प्रकार घर का सब काम कर चुकने के बाद जो कुछ समय मिल जाता, उसमें पढ़ना-लिखना करती । परिश्रम के फल से थोड़े दिनों में ही वह देवनागरी पुस्तकों का अध्ययन करने लगीं। मेरी बहनों को छोटी आयु में माताजी ही शिक्षा दिया करती थीं। जब से मैंने आर्यसमाज में प्रवेश किया, माताजी से खूब वार्तालाप होता । उस समय की अपेक्षा अब उनके विचार भी कुछ उदार हो गए हैं। यदि मुझे ऐसी माता न मिलतीं तो मैं भी अि साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता। (पृष्ठ 53 )

प्रश्न-

(क) गद्यांश के आधार पर किसने पढ़ना आरंभ किया?
उत्तर:
श्री रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ जी की माता ने पढ़ना आरंभ किया।

(ख) लेखक के मन पर किसका प्रभाव पड़ा? इस प्रभाव का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर:
लेखक के मन पर अपनी माँ के द्वारा दिए गए जीवन-मूल्यों और आदर्शों का प्रभाव पड़ा। माँ की प्रेरणा से ‘बिस्मिल’ जी में कर्तव्य परायणता, निष्ठा, देशसेवा और समर्पण जैसे गुणों का समावेश हुआ।

(ग) “ऐसी माता न मिलती तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता ” वाक्य का अर्थ स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
अक्सर मनुष्य जीवन के रोजमर्रा के कार्य और जीवनयापन में ही उलझकर रह जाता है। जीते तो सभी हैं लेकिन ‘बिस्मिल’ जी में माँ के प्रभाव के कारण माताओं की माता ‘भारत माता’ के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की हिम्मत और चाह जाग्रत हुई।

 

[2]

जन्मदात्री जननी! इस जीवन में तो तुम्हारा ऋण उतारने का प्रयत्न करने का भी अवसर न मिला। इस जन्म में तो क्या यदि मैं अनेक जन्मों में भी सारे जीवन प्रयत्न करूँ तो भी तुमसे उऋण नहीं हो सकता। जिस प्रेम तथा दृढ़ता के साथ तुमने इस तुच्छ जीवन का सुधार किया है, वह अवर्णनीय है। (पृष्ठ 53)

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
लेखक को किसका ऋण उतारने का अवसर नहीं मिला? सही विकल्प चुनिए-
(क) जन समाज का
(ख) परिवार का
(ग) अपनी माँ का
(घ) देश का
उत्तर:
(ग) अपनी माँ का

प्रश्न 2.
उऋण का अर्थ है-
(क) बलिदान देना
(ख) मुक्ति की आकांशा
(ग) सेवा भावना
(घ) ऋण से मुक्त
उत्तर:
(घ) ऋण से मुक्त

प्रश्न 3.
माता जी के प्रेम और दृढ़ता का उचित उदाहरण चुनिए-
(क) देश सेवा की ओर अग्रसर करना
(ख) बिस्मिल जी को शिक्षित करना
(ग) धार्मिक तथा सामाजिक उन्नति में सहयोग
(घ) उपर्युक्त सारे विकल्प सही है।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सारे विकल्प सही है।

प्रश्न 4.
अवर्णनीय शब्द का अर्थ है-
(क) उचित वर्णन
(ख) जिसका वर्णन न किया जा सके
(ग) सुंदर वर्णन
(घ) आज्ञाशील
उत्तर:
(ख) जिसका वर्णन न किया जा सके

प्रश्न 5.
उपर्युक्त गद्यांश के लेखक का सही नाम चुनिए-
(क) श्री चंद्रशेखर आजाद
(ख) श्री रामप्रसाद ‘बिस्मिल’
(ग) श्री रामप्रासाद बिस्मिल
(घ) सरदार भगतसिंह
उत्तर:
(ख) श्री रामप्रसाद ‘बिस्मिल’

 

[3]

जीवन भर में कोई कष्ट अनुभव न किया। इस संसार में मेरी किसी भी भोग-विलास तथा ऐश्वर्य की इच्छा नहीं । केवल एक इच्छा है, वह यह कि एक बार श्रद्धापूर्वक तुम्हारे चरणों की सेवा करके अपने जीवन को सफल बना लेता। किंतु यह इच्छा पूर्ण होती नहीं दिखाई देती और तुम्हें मेरी मृत्यु की दुखभरी खबर सुनाई जाएगी। माँ ! मुझे विश्वास है कि तुम यह समझ कर धैर्य धारण करोगी कि तुम्हारा पुत्र माताओं की माता या भारत माता की सेवा में अपने जीवन को बलि देवी की भेंट कर गया और उसने तुम्हारी कोख कलंकित न की अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहा । जब स्वाधीन भारत का इतिहास लिखा जाएगा तो उसके किसी पृष्ठ पर उज्ज्वल अक्षरों में तुम्हारा भी नाम लिखा जाएगा। गुरु गोबिंदसिंह जी की धर्मपत्नी ने जब अपने पुत्रों की मृत्यु की खबर सुनी तो बहुत प्रसन्न हुई थीं और गुरु के नाम पर धर्म – रक्षार्थ अपने पुत्रों के बलिदान पर मिठाई बाँटी थी। जन्मदात्री ! वर दो कि अंतिम समय भी मेरा हृदय किसी प्रकार विचलित न हो। (पृष्ठ 54 )

प्रश्न-

(क) लेखक कौन – सी इच्छा पूर्ण करना चाहता था ?
उत्तर:
लेखक अपनी माँ की सेवा करके अपने जीवन को सफल बना लेना चाहते थे।

(ख) लेखक कौन-सी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहे ?
उत्तर:
लेखक भारत के स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी थे। भारत माता की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने की प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहे ।

(ग) “मेरा हृदय किसी प्रकार विचलित न हो” वाक्य अर्थ स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ ने हँसते-हँसते अंग्रेज़ों के अत्याचार सहे। आजीवन स्वतंत्रता के लिए अंग्रेज़ों से लड़ते रहे। व्यक्तिगत स्वार्थ एवं भोग-विलास को त्याग वे देश भक्ति और बलिदान के मार्ग पर दृढ़तापूर्वक चले । अपने हृदय में भारत माता की रक्षा और स्वतंत्रता का प्रण लिया। अंग्रेज सरकार द्वारा उन्हें फाँसी की सजा दी गई। असाधारण प्रतिभा के धनी रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ अंत समय तक अंग्रेज़ों के विरुद्ध डटे रहे और सहर्ष शरीर त्याग किया।

 

परीक्षोपयोगी अन्य आवश्यक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अंग्रेजों ने बिस्मिल के साथ कैसा व्यवहार किया?
उत्तरः
जब बिस्मिल का जन्म हुआ तब भारत पर अंग्रेजों का शासन था। बिस्मिल के मन में छोटी आयु से ही देश को स्वतंत्र कराने की भावना धर कर गई थी। वे अंग्रेजी शासन से निरंतर लड़ते रहे। अंग्रेजों ने इन्हें जेल भेज दिया। जेल में उन पर अनेक अत्याचार किए गए और अंत में 30 वर्ष की आयु में फाँसी पर चढ़ा दिया।

प्रश्न 2.
बिस्मिल की माँ ने स्वयं को किस प्रकार एक आदर्श गृहिगी बना लिया?
उत्तरः
बिस्मिल की माँ का ग्यारह वर्ष की अल्पायु में विवाह कर दिया गया था। वे एक अनपढ़, ग्रामीण कन्या के रूप में शाहज़हाँपुर आई थी। तब तक वे घर की काम-काज नही जानती थीं। पर दादीजी की छोटी बहन के संपर्क में आकर माताजी ने कुछ ही दिनों में घर का सब काम समझ लिया और भोज़न आदि का ठीक-ठीक प्रबंध करने लगी। कुछ समय बाद उन्होंने शिक्षित होने का निश्चय किया और एक सखी से अक्षर-ज्ञान सीखकर देवनागरी की पुस्तकें भी पढ़ने लगी।

प्रश्न 3.
बिस्मिल ने अपने किस काम से माँ की कोख को कलंकित नहीं होने दिया ?
उत्तरः
बिस्मिल ने भारत-माता की सेखा में अपना सर्वस्व बलिदान देकर अपनी माँ की कोड को कलंकित नहीं होने दिया। उसने तो अपनी माँ का नाम स्वाधीन भारत के इतिहास में स्वर्ण-अक्षरों में अंकित करवा दिया।

 

प्रश्न 4.
गुरु गोबिंद सिंह की धर्मपत्नी ने क्या साहस दिखाया था ?
उत्तरः
गुरु गोबिंद सिंह की धर्मपत्नी के पुत्रों ने अपने धर्म की रक्षा में मुगल साम्राज्य में अपने प्राणों की बलि दे दी थी, पर धर्म नहीं छोड़ा था। उनकी माँ को इस पर शोक की जगह गर्व हुआ हुआ था। उनकी माँ अपने पुत्रों की मृत्यु (बलिदान) की खबर सुनकर बहुत प्रसन्न हुई थी। गुरु के नाम पर धर्म-रक्षार्थ अपने पुत्रों के बलिदान पर उन्होंने मिठाई बाँटी थी। धन्य थी-वह जन्मदात्री माँ!

प्रश्न 5.
बिस्मिल किस प्रकार के मनुष्य थे ?
उत्तरः
बिस्मिल कोई साधारण मनुष्य नहीं थे। वे अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर अपना जीवन-निर्वाह करने वाले नहीं थे। उन्होंने कभी भोग-विलास, ऐश्वर्यपूर्ण जीवन की कामना नहीं की। उनका जीवन तो त्यागमयी थी। वे देश-सेवा को पूर्णतः समर्पित थे। उसी के लिए 30 वर्ष की आयु में फाँसी के फंदे पर चढ़ गए।

भाषा की बात

विशेषण

1. निम्नलिखित वाक्यों में आए विशेषण-विशेष्य छाँटकर सामने लिखिए-

वाक्य विशेषण विशेष्य
(क) लखनऊ कांग्रेस में जाने की मेरी बड़ी इच्छा थी।
(ख) थोड़े दिनों में माताजी ने काम-काज समझ लिया।
(ग) बहनों की छेटी आयु में शिक्षा दिया करती थीं।
(घ) मेरे तुच्छे जीवन का सुधार किया।
(ङ) मुझे महान संकट में भी अधीर नहीं होने दिया।

 

2. शब्द केद बताइए ( तत्सम, तद्भव, विशेष)

मृत्थु : …………
खारिज : …………
उज्ज्वल : …………
स्मरण : …………
ॠ मस्तक : …………
खर्च : …………
म मजबूरन : …………
खबर : …………

जानें आत्मकथा :

  • जीवनी की एक रूप आत्मकथा है। इसमें लेखक उत्तम पुरुष का प्रयोग करते हुए (मैं, हम) अपनी जीवनी लिखता है। यही आत्मकका बन जाती है। इसमें लेखक अपने जीवन की प्रमुख घटनाओं एवं सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों का यथातथ्य वर्णन करता है।

कुछ प्रमुख आत्मकथाएँ :

  • डॉ. राजेंद्र प्रसाद — ‘आत्मकथा’
  • राहुल सांस्कृत्यायन — ‘मेरी जीवन यात्रा’
  • हरिवंशराय बच्चन — ‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’
  • अमृता प्रीतम — ‘रसीदी टिकट’
  • महात्मा गाँधी — ‘सत्य के प्रयोग’

गद्य-साहित्य की अन्य विधाएँ-

  • निबंध
  • कहानी
  • उपन्यास
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  • संस्मरण
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  • रेखाचित्र
  • साक्षात्कार
  • जीवनी
  • यात्रा-वृतांत
  • रिपोर्ताज

 

चित्र-वर्णन

नीचे बने चित्रों का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए :