NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 1 The Indian Constitution (Hindi Medium)

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NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 1 The Indian Constitution (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 8 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 1 The Indian Constitution.

पाठगत प्रश्न

अध्याय-समीक्षा : 


  • संविधान एक लिखित दस्तावेज है जिसमें किसी देश पर शासन करने के लिए नियम और कानून लिखे होते हैं |
  • किसी भी लोकतंत्र को चलाने के लिए संविधान बहुत ही महत्वपूर्ण है |
  • 1934 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने संविधान सभा के गठन की माँग को पहली बार अपनी अधिकृत नीति में शामिल किया।
  • दिसंबर 1946 में संविधान सभा का गठन किया गया।
  • दिसबंर 1946 से नवंबर 1949 के बीच संविधान सभा ने स्वतंत्र भारत के लिए नए संविधान का एक प्रारूप तैयार किया।
  • 1990 में बना नेपाल का पिछला संविधान इस सिद्धांत पर आधारित था कि शासन की सर्वोच्च सत्ता राजा के पास रहेगी।
  • भारतिय संविधान में नागरिकों को दिए गए सभी बुनियादी अधिकारों को मौलिक अधिकार कहा जाता है |
  • भारत के संविधान में नागरिकों को छः मौलिक अधिकार दिए गए है ।
    1. समता का अधिकार
    2. जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार
    3. शोषण का के विरुद्ध अधिकार
    4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
    5. शिक्षा और संस्कृति का अधिकार
    6. संवैधानिक उपचार का अधिकार
  • नेपाल के लोग कई दशक से लोकतंत्र की स्थापना के लिए जनांदोलन करते चले आ रहे थे। इसी संघर्ष के फलस्वरूप 2006 में आखिरकार उन्हें राजा की सत्ता को खत्म करने में कामयाबी मिल गई |
  • राष्ट्रपति भारत का मुखिया होगा तथा प्रधानमंत्री केन्द्रिय सरकार का मुखिया होगा ।
  • भारतीय संविधान के मुख्य मुल्य हैं- 1. लोकतंत्र, 2. न्याय, 3. स्वतंत्रता, 4. समता, 5. बंधुत्व, 6. धर्मनिरपेक्षता, 7. समाजवाद ।
  • भारत का संविधान बहुमत के साथ साथ अल्पमत को भी सुरक्षा एवं अधिकार देता है।
  • निर्भिक होकर सभी नागरिक समाचार प़त्र, रेडियों और इंटरनेट आदि के माध्यम से सरकार और सरकार के कार्य और विभिन्न मामलों पर अपनी राय दे सकता हैं । कला के प्रयोग द्वारा अपनी रचनात्मकता की अभिव्यक्ति दे सकता है । जिसकी सीमाएँ है । वह किसी की भावनाओं को ठेस नहीे पहुँचा सकता और हिंसा नहीं भडका सकता । ऐसी स्वतंत्रता को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहा जाता है।
  • अल्पसंख्यकों को किसी ऐसी चीज से वंचित न किया जाए जो बहुसंख्यकों के लिए सामान्य रूप से उपलब्ध है। \
  • अल्पसंख्यकों पर बहुसंख्यकों की इस निरंकुशता या दबदबे पर प्रतिबंध लगाना भी संविधान का महत्त्वपूर्ण कार्य है। यह दबदबा एक समुदाय द्वारा
    दूसरे समुदाय के ऊपर भी हो सकता है जिसे अंतर-सामुदायिक (Intra-community) वर्चस्व कहते हैं, या फिर एक ही समुदाय के भीतर कुछ लोग दूसरों को दबा सकते हैं, जिसे अंतःसामुदायिक (Intra-community) वर्चस्व कहते हैं।
  • केन्द्रिय तथा राज्य सरकार को अलग अलग विषयों पर कानून बनाने का अधिकार हैं ।

    अभ्यास-प्रश्नावली

    प्रश्न 1. किसी लोकतांत्रिक देश को संविधान की जरूरत क्यों पड़ती है?

    उत्तर: किसी लोकतान्त्रिक देश को निम्नलिखित कारणों से संविधान की जरुरत पड़ती है –

    (i) एक व्यवस्थित समाज की रचना के लिए निश्चित नियमों और आदर्शों की आवश्यकता होती है | संविधान इन्ही व्यवस्थित और न्यायपूर्ण समाज की रचना के विषय में निर्णय लेने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |

    (ii) संविधान ‘शासन के प्रकार’ तथा शासन के विभिन्न अंगों प्रयुक्त की जाने वाली शक्तियों का निर्धारण करता है और उनके बीच सामजस्य स्थापित करता है |

    (iii) संविधान शासन की शक्तियों को सिमित करता है और शासन के निरंकुश शक्तियों की मनमानी को नियंत्रित करता है |

    (iv) संविधान समाज का एक आइना होता है और यह समाज क्ले बुनियादी लक्ष्यों और आदर्शों को दर्शाता है |

    (v) संविधान नागरिकों के अधिकारों को स्पष्ट करता है और उन्हें मान्यता प्रदान करता है |

    प्रश्न 2. नीचे दिए गए दो दस्तावेजों के हिस्सों को देखिए। पहला कॉलम 1990 का नेपाल के संविधान का है। दूसरा कॉलम नेपाल के ताजा अंतरिम संविधान में से लिया गया है।

    1990 का नेपाल का संविधान भाग-7: कार्यपालिका 2007 अंतरिम संविधान भाग-5: कार्यपालिका
    अनुच्छेद 35: कार्यकारी शक्तियाँ

    नेपाल अधिराज्य की कार्यकारी शक्तियाँ महामहिम नरेश एवं मंत्रीपरिषद् में निहित होंगी |

    अनुच्छेद 37: कार्यकारी शक्तियाँ

    नेपाल की कार्यकारी शक्तियाँ मंत्रीपरिषद् में निहित होंगी |

    नेपाल के इन दोनों संविधानों में ‘कार्यकारी शक्ति’ के उपयोग में क्या फर्क दिखाई देता है? इस बात को ध्यान में रखते हुए क्या आपको लगता है कि नेपाल को एक नए संविधान की जरूरत है? क्यों?

    उत्तर: 1990 के संविधान के कार्यकारी शक्तियाँ राजा एवं उसके मंत्री परिषद् के हाथ में है जो कि लोकतंत्र नहीं है जबकि दूसरी 2007 के संविधान में कार्यकारी शक्तियाँ मंत्रीपरिषद् के हाथ में है, लेकिन संविधान अंतरिम है, स्थायी नहीं है | जनता किस तरह की शासन व्यवस्था चाहती है यह वहाँ का संविधान तय करता है | इसलिए नेपाल को एक नए और लोकतान्त्रिक व्यवस्था पर आधारित एक नए संविधान की जरुरत है |

    प्रश्न 3. अगर निर्वाचित प्रतिनिधियों की शक्ति पर कोई अंकुश न होता तो क्या होता?

    उत्तर: अगर निर्वाचित प्रतिनिधियों की शक्ति पर कोई अंकुश न होता तो वे सत्ता का दुरूपयोग कर सकते हैं | वे सत्ता का जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल कर सकें इसलिए संविधान ने उनके कार्यों पर अंकुश लगाया जाता है। फिर भी इस बात की संभावना हमेशा रहती है कि ये नेता सत्ता का दुरुपयोग कर सकते हैं। इस तरह की विकृतियों से बचाव का उपाय संविधन में मिलता है। राजनेताओं द्वारा सत्ता के इस दुरुपयोग से लोगों के साथ भारी अन्याय हो सकता है। जनता ठगी जा सकती है |

    प्रश्न 4. निम्नलिखित स्थितियों में अल्पसंख्यक कौन हैं? इन स्थितियों में अल्पसंख्यकों के विचारों का सम्मान करना क्यों महत्त्वपूर्ण है। इसका एक-एक कारण बताइए।

    (क) एक स्कूल में 30 शिक्षक हैं और उनमें से 20 पुरुष हैं।
    (ख) एक शहर में 5 प्रतिशत लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं।
    (ग) एक कारखाने के भोजनालय में 80 प्रतिशत कर्मचारी शाकाहारी हैं।
    (घ) 50 विद्यार्थियों की कक्षा में 40 विद्यार्थी संपन्न परिवारों से हैं।

    उत्तर: (ख) एक शहर में 5 प्रतिशत लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं। यहाँ बौद्ध धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक हैं | क्योंकि वे भी उसकी संविधान के अंतर्गत जीवन यापन कर रहे हैं | उन्हें भी बहुसंख्यकों की भांति ही सभी अवसरों का लाभ मिलना चाहिए |

    प्रश्न 5. नीचे दिए गए बाएँ कॉलम में भारतीय संविधान के मुख्य आयामों की सूची दी गई है। दूसरे कॉलम में प्रत्येक आयाम के सामने दो वाक्यों में लिखिए कि आपकी राय में यह आयाम क्यों महत्त्वपूर्ण है-

    मुख्य आयाम महत्त्व 
    संघवाद

    शक्तियों का बँटवारा

    मौलिक अधिकार

    संसदीय शासन पद्धति

    उत्तर: 

    संघवाद का महत्व: 

    (i) इसमें एक ही संघ में कई स्तरों की सरकारें काम करती है |  जैसे- केंद्र सरकार, राज्य सरकार, और स्थानीय सरकार जैसे पंचायत और नगरपालिका आदि |

    (ii) इससे शक्तियों का बँटवारा कई स्तरों पर आसानी से हो जाता है |

    शक्तियों का बँटवारा का महत्व:

    (i) शक्तियों का बँटवारा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि शक्तियाँ एक व्यक्ति तक ही सीमित रह जाए तो वह व्यक्ति और उसका शासन निरंकुश हो सकता है और अपनी मनमानी करने लगता है |

    (ii) शक्तियों के बँटवारे से सभी आयामों में शक्ति का संतुलन होता है और सभी को अवसरों का लाभ मिलता है |

    मौलिक अधिकार का महत्त्व:

    (i) मौलिक अधिकार जनता के अधिकारों की रक्षा करता है और यह सुनिश्चित करता है की लोकतंत्र में जनता के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय न हो |

    (ii) मौलिक अधिकार संविधान द्वारा प्रदत वह अधिकार है जो नागरिकों के पक्ष को मजबूत बनाता है और उसे उपचार प्रदान करता है |

     संसदीय शासन पद्धति का महत्व: 

    (i) संसदीय शासन प्रणाली सीघे जनता और उसके प्रतिनिधियों से सरोकार रखती है |

    (ii) इस शासन प्रणाली पर संविधान और जनता का पूरा नियन्त्रण रहता है |

    प्रश्न 6. इस नक्शे में निम्नलिखित देशों पर रंग भरें-
    (क) भारत को लाल रंग से भरें
    (ख) नेपाल को हरे रंग से भरें
    (ग) बांग्लादेश को पीले रंग से भरें

    उत्तर: 

    अतिरिक्त-प्रश्नोत्तर

    प्रश्न – भारतीय राज्य की तीन अंग कौन कौन से है ?
    उत्तर – (1) न्यायपालिका (2) कार्यपालिका  (3) विधायिका
    प्रश्न – संधवाद से क्या समझते है ?
    उत्तर – संघवाद एक संस्थागत प्रणाली है जिसमें पंचायत स्तर कीए प्रांतीय स्तर की सरकारें और केन्द्रीय स्तर की सरकार एक साथ एक ही देश में अपने.अपने अधिकारों के अनुरूप शासन करती है द्य सरकारों की ऐसी व्यवस्था को संघवाद कहते हैं द्य इसका मतलब है देश में एक से अधिक स्तर की सरकारों का होना |

    प्रश्न – भारत के संविधान से संबंधित मुख्य तीन बातें लिखें।
    उत्तर – भारत के संविधान से संबंधित मुख्य तीन बातें निम्न हैं ।
    1. भारत का संविधान बहुमत के साथ साथ अल्पमत को भी सुरक्षा एवं अधिकार देता है।
    2. केन्द्रिय तथा राज्य सरकार को अलग अलग विषयों पर कानून बनाने का अधिकार हैं ।
    3. राष्ट्रपति भारत का मुखिया होगा तथा प्रधानमंत्री केन्द्रिय सरकार का मुखिया होगा ।

    प्रश्न – संविधान लिखें जाने

    उत्तर – (1)  साम्प्रदायिक दंगे और उग्रवादी आन्दोलनों पर ।
    ( 2)  अस्पृश्य समझे जाने वाले जाति समुहों एवं लोगों की भागीदारी बढाना ।
    प्रश्न – किसी भी देश के लिए संविधान की क्यों आवश्यकता है ? 
    उत्तर – किसी भी देश के लिए संविधान की आवश्यकता निम्न कारणें से हैं ।
    1. शासन करने कि लिए।
    2. सरकार पर नियंत्रण रखने के लिए ताकि उसी के अनुरूप काम करे।
    3. सरकार के सभी अंग एवं अधिकारी अपनी शक्तियों का दुरूपयोग न कर सके।
    प्रश्न – संविधान से क्या अभिप्रायः हैं ?
    उत्तर – संविधान नियमों की वह किताब है जों किसी देश की शासन – व्यवस्था की रूपरेखा बताती हैं । इसमें उन आदर्शो को स्पष्ट किया जाता हैं जिनकोें ध्यान में रखकर कोई सरकार देश का शासन चलाती है।
    प्रश्न – भारतीय संविधान के मुख्य मुल्य कौन कौन से है ?
    उत्तर –
    1. लोकतंत्र
    2. न्याय
    3. स्वतंत्रता
    4. समता
    5. बंधुत्व
    6. धर्मनिरपेक्षता
    7. समाजवाद ।

    प्रश्न – भारत के संविधान में नागरिकों को दिए गए मौलिक अधिकार कौन कौन से है ?
    उत्तर – भारत के संविधान में नागरिकों को छः मौलिक अधिकार दिए गए है ।
    1. समता का अधिकार
    2. जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार
    3. शोषण का अधिकार
    4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
    5. शिक्षा और संस्कृति का अधिकार
    6. संवैधानिक उपचार का अधिकार
    प्रश्न – मौलिक अधिकारों से आप क्या समझते है ?
    उत्तर – भारतिय संविधान में नागरिकों को दिए गए सभी बुनियादी अधिकारों को मौलिक अधिकार कहा जाता है
    प्रश्न – मौलिक अधिकारों का लाभ या विशेषताएँ लिखों 
    उत्तर – मौलिक अधिकारों का लाभ या विशेषताएँ निम्नलिखित है ं।
    1. गलत परम्पराओं , कुरितियों , छुआछूत पर रोक लगाती है ं।
    2. धर्म जाति लिंग और जन्म स्थान के आधार पर भेद भव नहीं किया जा सकता है ं।
    3. कोई भी समाज या सरकार शोषण को बढावा नहीं दे सकता है ं।
    4. निर्भिक होकर जीने का अधिकार ।
    प्रश्न – अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से आप क्या समझते है ?
    उत्तर – निर्भिक होकर सभी नागरिक समाचार प़त्र, रेडियों और इंटरनेट आदि के माध्यम से सरकार और सरकार के कार्य और विभिन्न मामलों पर अपनी राय दे सकता हैं । कला के प्रयोग द्वारा अपनी रचनात्मकता की अभिव्यक्ति दे सकता है । जिसकी सीमाएँ है । वह किसी की भावनाओं को ठेस नहीे पहुँचा सकता और हिंसा नहीं भडका सकता । ऐसी स्वतंत्रता को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहा जाता है।
    प्रश्न – शोषण क्या है? शोषण के विरूद्ध अधिकार के दो प्रावधान बताइए।
    उत्तर – किसी व्यक्ति की मेहनत एवं स्थिति का गलत लाभ उठाना और उसके परिश्रम का उचित मजदूरी न देना , या मौलिक अधिकारों का हनन भी शोषण है ।
    शोषण के विरूद्ध अधिकार के दो प्रावधान निम्नलिखित है ।
    1. शोषण के अंतर्गत व्यक्तियों के खरीदने और बेचने पर रोक है ।
    2. 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से मजदूरी नहीं करवाई जा सकती ।

    प्रश्न – शोषण के विरूद्ध अधिकार में कौन कौन से अधिकार शामिल हैं ?
    उत्तर – शोषण के विरूद्ध अधिकार में निम्न अधिकार शामिल हैं।
    1. इंसान के खरीद बिक्री पर रोक हैं।
    2. बंगार तथा बंधुआ मजदूरी पर पाबंदी हैं ।
    3. जबरदस्ती कोई खतरनाक काम नहीं करवाए जा सकते है।
    4. 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से मजदूरी नहीं करवाई जा सकती ।

    प्रश्न – शोषण के विरूद्ध अधिकार को मौलिक अधिकारों में क्यों शामिल किया गया है ?
    उत्तर – शोषण के विरूद्ध अधिकार को मौलिक अधिकारों में इसलिए शामिल किया गया है क्योंकि
    1. मौलिक अधिकारों से वंचित न किया जा सके ।
    2. किसी के कमजोर स्थिति का फायदा न उठा पाए।
    प्रश्न – अल्पसंख्यक से क्या अभिप्रायः है ?
    उत्तर – वह धर्म या समुदाय या भाषा के अधार पर वे लोग जिनकी संख्या किसी विशेष क्षेत्र या राज्य में कम हाण्
    अल्पसंख्यक कहलाते हैं।
    प्रश्न – मौलिक अधिकारों की सूरक्षा के लिए नागरिकों को कौन से अधिकार दिए गए हैं ।
    उत्तर – संवैधानिक उपचार का अधिकार ।
    प्रश्न – मौलिक कर्तव्य क्या है ? किन्ही चार मौलिक कर्तव्यों का वर्णन करों । 
    उत्तर – प्रत्येक नागरिकों के राष्ट्र या नैतिकता के प्रति कुछ मूलभूत कर्तव्य होते हैं । जिन्हे मौलिक कर्तव्य कहा जाता है।
    चार मौलिक कर्तव्य निम्नलिखित है ।
    1. संविधान के नियमों का पालन करना चाहिए।
    2. सभी नागरिकों को ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना चाहिए।
    3. देश की एकता और सूरक्षा बनाए रखना चाहिए।
    4. सार्वजनिक संपति को नूकसान नहीे पहूँचाना चाहिए।