NCERT Solutions for Class 4 पर्यावरण अध्ययन Chapter 4 अमृता की कहानी
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 32 और 33)
अमृता के दोस्त
प्रश्न 1.
क्या तुम्हारे घर के आस-पास किसी मैदान या स्कूल के रास्ते में, कोई ऐसी जगह है जहाँ पेड़ लगाये गये हैं?
उत्तर:
हाँ, मेरे घर के पास एक पार्क है, जिसमें बहुत सारे पेड़ लगाये गये हैं।
प्रश्न 2.
क्या तुमने किसी को उनकी देखभाल करते देखा है? किसको?
उत्तर:
हाँ। माली काका उन पेड़ों की देखभाल करते हैं।
प्रश्न 3.
क्यों उनमें से किसी पेड़ पर फल लगते हैं? उन्हें कौन खाता है?
उत्तर:
हाँ, उनमें से कई पेड़ों पर फल लगते हैं। वे फल बेचे जाते हैं, तथा कुछ फल पार्क में खेलने जाने वाले बच्चों को भी खाने के लिए दिया जाता है।
प्रश्न 4.
ललिता को लगता है कि उसके स्कूल की दीवार के साथ उगे हुए छोटे-छोटे पौधे और घास किसी ने लगाये नहीं हैं। क्या तुम भी किसी ऐसी जगह के बारे में जानते हो जहाँ घास, छोटे-छोटे पौधे और पेड़ अपने आप ही उग गये हों?
उत्तर:
हाँ, पार्क में तथा सड़क के किनारे कई ऐसी जगह हैं जहाँ बिना लगाये ही कई पेड़-पौधे अपने आप उग गये हैं।
प्रश्न 5.
तुम्हें क्यों लगता है कि ये पौधे अपने आप उग रहे हैं?
उत्तर:
क्योंकि वे जहाँ तहाँ बेतरतीव ढंग से उगे हैं एवं उन्हें किसी ने नहीं लगाया है।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 34)
पेड़ खतरे में
प्रश्न 1.
तुम्हें याद है न, उस गाँव के बुजुर्गों की बातें ?
उत्तर:
हाँ मुझे याद है। उस गाँव के बुजुर्गों का कहना था-“अगर पेड़ हैं, तो हम हैं। पेड़ और जानवर हमारे बिना रह सकते हैं, पर हम उनके बिना नहीं।’
प्रश्न 2.
अगर पेड़ और जानवर नहीं होंगे, तो क्या हम रहेंगे? इस बारे में कक्षा में चर्चा करो।
उत्तर:
दोस्तों!
अगर पेड़ और जानवर नहीं रहेंगे तो हम भी नहीं रहेंगे अर्थात् जीवित नहीं रह पायेंगे। क्योंकि पेड़ अपना खाना खुद बनाते हैं तथा हमें भी उपलब्ध कराते हैं। दरअसल हमलोग प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से पेड़-पौधों पर ही निर्भर हैं। इसलिये यदि पेड़ नहीं रहेंगे तो हमें भोजन नहीं मिलेगा और हम जीवित नहीं रह पायेंगे।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 35)
सुरक्षित गाँव
प्रश्न 1.
तुमने तीसरी कक्षा में जिस पेड़ से दोस्ती की थी, वह अब कैसा है?
उत्तर:
अच्छा है।
प्रश्न 2.
इस साल एक और नये पेड़ से दोस्ती करो। अपने दोस्त पेड़ों को क्या तुमने साल भर में मौसम के साथ बदलते देखा है?
उत्तर:
हाँ, पेड़ मौसम के साथ बदलते रहते हैं।
प्रश्न 3.
किसी एक पेड़ के बारे में लिखो
क्या उस पर फूल आते हैं?
उत्तर:
हाँ, उस पर फूल आते हैं।
प्रश्न 4.
फूल क्या साल भर रहते हैं?
उत्तर:
नहीं, फूल कुछ ही समय के लिए रहते हैं।
प्रश्न 5.
पत्तियाँ किस महीने में झड़ती हैं?
उत्तर:
पत्तियाँ जनवरी में झड़ती हैं।
प्रश्न 6.
क्या उस पर फल लगते हैं?
उत्तर:
हाँ, उस पर फल लगते हैं।
प्रश्न 7.
फल किन-किन महीनों में लगते हैं?
उत्तर:
फल अप्रैल महीने में लगता है।
प्रश्न 8.
क्या तुमने कभी ये फल खाये हैं?
उत्तर:
हाँ, मैंने ये फल खाये हैं, इस फल का नाम आम है।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 36)
चर्चा करो
प्रश्न 1.
लोग शिकार क्यों करते हैं?
उत्तर:
लोग जानवरों के माँस, खाल, दाँत तथा हड्डियों के लिए शिकार करते हैं।
प्रश्न 2.
क्या तुम्हें पता है कि शिकार करने पर सजा होती है?
उत्तर:
हाँ, मुझे पता है ।।
प्रश्न 3.
शिकार करने पर सजा क्यों रखी गई है?
उत्तर:
जानवरों को सुरक्षित रखने के लिए शिकार करने पर सजा रखी गई है।
अपने दादा-दादी से पता करके लिखो कि
प्रश्न 1.
उनके बचपन में जितनी तरह के पक्षी दिखाई देते थे, क्या उतनी ही तरह के आज भी दिखाई देते हैं?
उत्तर:
नहीं, कुछ पक्षी आज बहुत कम दिखाई देते हैं।
प्रश्न 2.
कौन से पक्षी कम हुए हैं?
उत्तर:
चील, गिद्ध, तोता, बुलबुल आदि अब बहुत कम दिखाई देते हैं।
प्रश्न 3.
ऐसे कौन से जंतु एवं पक्षी हैं जो अब उनके आस-पास दिखाई नहीं देते?
उत्तर:
चील, गिद्ध, बुलबुल, मैना आदि अब उनके आस-पास दिखाई नहीं देते।
प्रश्न 4.
शांति के दादाजी ने बताया कि जब वे छोटे थे तब बहुत सी चिड़िया, मैना आदि दिखाई देती थीं। क्या तुम अंदाजा लगा सकते हो कि इन पक्षियों की संख्या कम क्यों हो गई है? कोई दो कारण लिखो।
उत्तर:
पक्षियों के कम दिखाई देने के कारण
- लोगों ने पक्षियों को बड़ी संख्या में उनके माँस के लिए मार दिया।
- खेती तथा मकान आदि बनाने के लिए काफी संख्या में पेड़ काट दिये गये, जिससे उनके प्राकृतिक घर कम हो गये।
प्रश्न 5.
अमृता के गाँव में बहुत सारे खेजड़ी के पेड़ थे। तुम्हारे इलाके में कौन से पेड़ ज्यादा पाये जाते हैं? दो के नाम बताओ।
उत्तर:
हमारे इलाके में शीशम तथा आम के पेड़ ज्यादा पाये जाते हैं।
प्रश्न 6.
अपने बड़ों से पता करो कि क्या इन पेड़ों की कोई खास बात है?
उत्तर:
आम के पेड़ फल के लिए लगाये जाते हैं। शीशम के पेड़ लकड़ियों के लिए लगाये जाते हैं। आम तथा शीशम के पेड़ों से जलावन के लिए लकड़ियाँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।