NCERT Solutions for Class 4 पर्यावरण अध्ययन Chapter 22 दुनिया मेरे घर में
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 180)
बताओ
प्रश्न 1.
क्या तुम्हारे घर में भी पंखा, टी.वी., समाचारपत्र, कुर्सी या किसी और चीज को लेकर झगड़े होते हैं?
उत्तर:
हाँ, कभी-कभी मेरे और मेरी बहन में ऐसे झगड़े होते हैं।
प्रश्न 2.
तुम्हारे घर के ऐसे झगड़े कौन सुलझाता है?
उत्तर:
ऐसे झगड़े हमलोग आपस में ही सुलझा लेते हैं।
प्रश्न 3.
अपने घर के ऐसे झगड़ों के बारे में कोई मजेदार किस्सा सुनाओ।
उत्तर:
एक बार टी.वी. पर क्रिकेट मैच आ रहा था तथा दूसरे चैनल पर फिल्मफेयर अवार्ड का प्रोग्राम। मैं क्रिकेट मैच देखना चाह रहा था जबकि मेरी दीदी फिल्मफेयर अवार्ड का प्रोग्राम देखना चाह रही थी। इसलिए हम दोनों में झगड़ा हो गया। फिर हमदोनों ने मिलकर फैसला किया कि चूंकि फिल्मफेयर अवार्ड का प्रोग्राम एक घंटे में खत्म हो जायेगा इसलिये दीदी उस प्रोग्राम को देखेगी तथा ब्रेक के समय मैं मैच का स्कोर देहूँगा। फिल्मफेयर अवार्ड का प्रोग्राम खत्म हो जाने के बाद मैं पूरे मैच को देखूगा।।
प्रश्न 4.
क्या तुमने कहीं और एक ही चीज के लिए लोगों को आपस में झगड़ते देखा है? किस बात पर?
उत्तर:
हाँ, कई बार ट्रेनों में सीट के लिए लोगों को आपस में झगड़ते हुए देखा है।
बताओ
प्रश्न 1.
क्या तुम्हारे या किसी दोस्त के परिवार में ऐसी बातें होती हैं? तुम इस बारे में क्या सोचते हो?
उत्तर:
नहीं, मेरे या मेरे किसी दोस्त के परिवार में ऐसी बातें नहीं होती हैं। मैं सोचता हूँ कि. किसी के यहाँ भी ऐसा नहीं होना चाहिए।
प्रश्न 2.
क्या लड़का-लड़की और आदमी-औरत के लिए अलग-अलग नियम होने चाहिएँ?
उत्तर:
नहीं, दोनों के लिए एक जैसे नियम होने चाहिए।
प्रश्न 3.
सोचो-अगर लड़कियों के लिए बनाए गए नियम, लड़कों पर और लड़कों के लिए बनाए गए नियम लड़कियों पर लागू हों, तो क्या होगा?
उत्तर:
इससे सभी को परेशानी होगी।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 181, 182)
पिलू मामी
प्रश्न 1.
अपनी कल्पना से, इस कहानी का अंत बदलकर कॉपी में लिखो।
उत्तर:
पीलू मामी ने कुल्फीवाले को पाँच कुल्फी के हिसाब से ही पैसे दिये और बचे हुए पैसे से दूसरी चीजें खरीदकर खाया। बच्चों ने इस बात को गलत माना, उन्होंने मिलकर पीलू मामी को समझाया, तब जाकर पीलू मामी ने कुल्फी वाले को पूरे पैसे दिये। कुल्फी वाले ने खुश होकर बच्चों को काफी दुआएँ दी। परन्तु उस दिन से पीलू मामी की बेईमानी। सभी बच्चों के समझ में आ गई।
प्रश्न 2.
क्या तुम्हारे परिवार में भी कोई पिलू मामी की तरह है? कौन?
उत्तर:
हाँ, मेरे घर में मेरी माँ पीलू मामी की तरह हैं। कई बार बाजार में दुकान वाले गलती से कम पैसे बतलाते हैं लेकिन मेरी माँ उसे ठीक कर पूरे पैसे देती है।
प्रश्न 3.
अगर पिलू मामी कम पैसे देकर वहाँ से चलीं जातीं, तो बच्चे इस बारे में क्या सोचते? तुम इस बारे में क्या सोचते हो?
उत्तर:
बच्चे सोचते कि पीलू मामी गलत तथा बेईमान हैं। मेरी भी यही सोच है।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 183)
बताओ।
प्रश्न 1.
तुम्हें क्या लगता है, अक्षय क्या करेगा?
उत्तर:
मुझे लगता है कि अक्षयं पानी पी लेगा।
प्रश्न 2.
अक्षय उलझन में क्यों पड़ गया?
उत्तर:
अक्षय उलझन में इसलिए पड़ गया क्योंकि उसकी दादी-माँ ने उसे अनिल के घर कुछ भी खाने-पीने से मना किया था।
प्रश्न 3.
अक्षय की दादी-माँ ने उसे अनिल के घर का पानी तक पीने के लिए मना क्यों किया होगा?
उत्तर:
अक्षय की दादी-माँ पुराने ख्यालों की थीं, तथा उसके परिवार तथा अनिल के परिवार के रीति-रिवाज अलग-अलग थे। इसलिये अक्षय की दादी-माँ ने अक्षय को अनिल के घर के पानी तक पीने के लिए मना किया होगा।
प्रश्न 4.
क्या तुम किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हो, जो अक्षय की दादी-माँ की तरह ही सोचते हैं?
उत्तर:
हाँ, मेरे एक दोस्त की दादी-माँ भी अक्षय की दादी-माँ की तरह ही सोचती हैं।
प्रश्न 5.
क्या तुम अक्षय की दादी-माँ से सहमत हो?
उत्तर:
नहीं, मैं अक्षय की दादी माँ से कतई सहमत नहीं हूँ।
प्रश्न 6.
तुम्हारी राय में अक्षय को क्या करना चाहिए?
उत्तर:
मेरी राय में अक्षय को पानी पीना चाहिए।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 184)
बताओ
प्रश्न 1.
तुम धोंडू की जगह होते तो क्या करते?
उत्तर:
मैं भी धोंडू की तरह ही सोचता।
प्रश्न 2.
क्या तुम्हारे साथ कभी ऐसा हुआ है कि तुम कुछ करना चाहते हो, पर घर के बड़ों ने मना किया हो?
उत्तर:
यदि ऐसा होता है तो मैं अपने बड़ों को समझाने का प्रयत्न करता हूँ। मैं सभी काम बड़ों की सहमति से ही करता हूँ।
प्रश्न 3.
तुम्हारे घर में जरूरी फैसले कौन लेता है?
उत्तर:
मेरे घर में जरूरी फैसले मेरे मम्मी-पापा मिलकर लेते हैं।
प्रश्न 4.
तुम्हें इस बारे में क्या लगता है?
उत्तर:
मैं इस बारे में सोचता हूँ कि वे बेहतर फैसले लेते हैं।
प्रश्न 5.
अगर तुम्हारे परिवार में या रिश्तेदारी में हमेशा एक ही व्यक्ति अपनी बात मनवाता रहे, तो तुम्हें कैसा लगेगा?
उत्तर:
मुझे अच्छा नहीं लगेगा। उन्हें सबकी राय लेकर काम करना चाहिए।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 185)
बताओ
प्रश्न 1.
क्या तुम्हें भी कभी किसी का छूना बुरा लगा है?
उत्तर:
मुझे गंदे लोंगों का छूना बुरा लगता है।
प्रश्न 2.
किसका छूना तुम्हें अच्छा नहीं लगा?
उत्तर:
एक बार मुझे एक गंदे लड़के ने छू लिया था, जो मुझे अच्छा नहीं लगा
प्रश्न 3.
अगर तुम रितु की जगह होते, तो क्या करते?
उत्तर:
अगर मैं रितु की जगह होता तो अपनी सहेली की मामा से नहीं डरता।
प्रश्न 4.
ऐसा होने पर और क्या किया जा सकता है?
उत्तर:
डरने का कारण पता लगाया जा सकता है।
प्रश्न 5.
सभी का छूना एक जैसा नहीं होता। जब मीना के मामा रितु का हाथ पकड़ते थे, तब उसे अच्छा नहीं लगता था, लेकिन उसे मीना का हाथ पकड़ना अच्छा लगता था। सोच कर बताओ, ऐसा अंतर क्यों था?
उत्तर:
कुछ लोगों की आकृति डरावनी होती है, इसलिये कई बच्चे उनसे डर जाया करते हैं। संभवतः मीना के मामा की आकृति भी डरावनी रही होगी। इसलिए रीतु मीना के मामा से डर जाती थी। रीतु मीना से नहीं डरती थी इसलिये मीना का हाथ पकड़ना उसे अच्छा लगता था।