NCERT Solutions for Class 4 Hindi Chapter 9 स्वतंत्रता की ओर
NCERT Solutions for Class 4 Hindi Chapter 9 प्रश्न-अभ्यास
NCERT Solutions for Class 4 Hindi Chapter 9 पाठ्यपुस्तक से
प्यारे बापू
इस कहानी को पढ़कर तुम्हें बापू के बारे में कई बातें पता चली होंगी। उनमें से कोई तीन बातें यहाँ लिखो।
उत्तर:
- गाँधीजी रोज सुबह आश्रम में टहलते थे और उसके बाद चरखा कातते थे।
- वे ब्रिटिश सरकार के गलत निर्णयों का विरोध करते थे। अपने देशवासियों को अपना हक दिलवाना चाहते थे।
- वे धनी जैसे छोटे बच्चों की बात भी गौर से सुनते थे और उन्हें अच्छे ढंग से अपनी बात समझाते थे।
चूल्हा
धनी की माँ चूल्हा फेंक रही थीं।
धनी की माँ खाना पकाने के लिए चूल्हे का इस्तेमाल करती थीं। नीचे कुछ चित्र बने हैं। इनके नाम पता करो और लिखो।
- इनमें कौन-कौन से ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है?
- तुम्हारे घर में खाना पकाने के लिए इनमें से किसका इस्तेमाल किया जाता है?
उत्तर:
- स्टोव में मिट्टी का तेल इस्तेमाल किया जाता है।
- हाथ से बनाए मिट्टी के चूल्हे में लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है।
- गैस स्टोव में एल. पी. जी. (गैस) का इस्तेमाल होता है।
- भट्टी में कोयले का इस्तेमाल होता है।
कहानी से आगे
नीचे कहानी में आए कुछ शब्द लिखे हैं। कक्षा में चार-चार के समूह में एक-एक चीज़ के बारे में पता करो-
- स्वतंत्रता
- सत्याग्रह
- खादी
- चरखा
तुम इस काम में अपने दोस्तों से, बड़ों से, शब्दकोश या पुस्तकालय से सहायता ले सकते हो। जानकारी इकट्ठा करने के बाद कक्षा में इसके बारे में बताओ।
उत्तर:
- स्वतंत्रता – अपने देश में आज़ादी के साथ रहना, किसी दूसरे देश का हस्तक्षेप न होना।
- सत्याग्रह – सत्य के लिए आग्रह अर्थात् सही बात मनवाने के लिए हठ करना।
- खादी – चरखे पर सूत कातकर बनाया गया घरेलू मोटा कपड़ा।
- चरखा – सूत या धागा कातने का लकड़ी का एक उपकरण।
आगे की कहानी
गाँधीजी ने धनी से कहा, “क्या तुम आश्रम में ही रहकर मेरे लिए बिन्नी की देखभाल करोगे?”
धनी ने गाँधीजी की बात मान ली।।
जब गाँधीजी दांडी यात्रा से लौटे होंगे, तब आश्रम में क्या-क्या हुआ होगा? आगे की कहानी सोचकर लिखो।
उत्तर:
जब गाँधीजी दांडी यात्रा से लौटे होंगे, तब आश्रम में उनका भव्य स्वागत हुआ होगा। आश्रम के लोग उनसे दांडी यात्रा के बारे में पूछे होंगे। गाँधीजी ने उन्हें सबकुछ बताया होगा।
कहानी से
(क) धनी ने गाँधीजी से सुबह के समय बात करना क्यों ठीक समझा होगा?
उत्तर:
गांधी जी आश्रम में रोज़ सुबह पैदल घूमते थे। इस समय उनसे मिलना आसान था। दिन में उन्हें अकेले पकड़ पाना बहुत मुश्किल था।
(ख) धनी बिन्नी की देखभाल कैसे करता था?
उत्तर:
वह बिन्नी को हरी-हरी घास खिलाता था। उसके बर्तन में पानी डालता था। उसे आश्रम में घुमाता था और उससे बातें करता था।
(ग) धनी को यह कैसे महसूस हुआ होगा कि आश्रम में कोई योजना बनाई जा रही है?
उत्तर:
गाँधीजी के कमरे में लोगों को गंभीर मुद्रा में बातें, और सलाह-मशविरा करते हुए देखकर धनी को ऐसा लगा होगा कि वे कोई योजना बना रहे हैं।
कहानी और तुम
(क) धनी यात्रा पर जाने के लिए उत्सुक क्यों था?
- अगर तुम धनी की जगह होते तो क्या तुम यात्रा पर जाने की जिद करते? क्यों?
उत्तर:
धनी यात्रा पर जाने के लिए इसलिए उत्सुक था क्योंकि वह देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में भाग लेना चाहता है।
गाँधीजी को अपना सहयोग देना चाहता था।
अगर मैं धनी की जगह होता तो मैं भी यात्रा पर जाने की जिद करता क्योंकि धनी की तरह मैं भी जागरूक हूँ।
(ख) गांधीजी ने धनी को न जाने के लिए कैसे मनाया?
- क्या तुम गांधीजी के तर्क से सहमत हो? क्यों?
उत्तर:
गाँधीजी ने धनी से कहा कि वह उनके लिए बिन्नी की देखभाल करे जिससे कि दांडी से लौटकर आने के बाद वह उसका खूब सारा दूध पीकर ताकतवर महसूस करें। धनी को गाँधीजी की यह बात बिल्कुल हुँच गई और वह रुक गया।
हाँ, मैं गांधीजी के तर्क से सहमत हूँ। आश्रम के सभी लोगों को कोई न कोई काम करना होता था। धनी बिन्नी की देखभाल करने के लिए आश्रम में रह गया। बिन्नी की देखभाल करना भी एक काम था।
ताकत के लिए
गांधीजी ने कहा, “जब मैं वापस आऊँगा तो मुझे खूब सारा दूध पीना पड़ेगा, जिससे कि मेरी ताकत लौट आए।”
बताओ, खूब सारी ताकत और अच्छी सेहत के लिए तुम क्या-क्या खाओगे-पिओगे?
चटपटी अंकुरित दाल – मीठा दूध
गर्म समोसे – रसीला आम
करारे गोलगप्पे – गर्मागर्म साग
कुरकुरी मक्का की रोटी – ठंडी आइसक्रीम
खुशबूदार दाल – रंग-बिरंगी टॉफी
मसालेदार अचार – ठंडा शरबत
उत्तर:
- अंकुरित दाल
- मीठा दूध
- रसीला आम
- मक्का की रोटी
- आइसक्रीम
- दाल
- साग
- शरबत
विशेषता के शब्द
अभी तुमने जिन खाने-पीने की चीज़ों के नाम पढ़े, उनकी विशेषता बता रहे हैं ये शब्द-
चटपटी, मीठा, गर्म, ठंडा, कुरकुरी आदि
नीचे लिखी चीजों की विशेषता बताने वाले शब्द सोचकर लिखो-
गरमागरम हलवा | हरेभरे पेड़ | थोड़ा नमक | लाल चीटी |
सफेद पत्थर | नया कुरता | पुराना चश्मा | तिरंगा झंडा |
चाँद की बिंदी
नीचे लिखे शब्दों में सही जगह पर लगाओ।
उत्तर:
धुआ-धुंआ
कुआ-कुंआ
फूक-फेंक
कहा-कहाँ
स्वतंत्र-स्वतंत्र
बाध-बाँध
मा-माँ
गाव-गाँव
बदगोभी-बंदगोभी
इंतज़ार-इंतज़ार
पसद-पसंद
किसकी जिम्मेदारी?
धनी को बिन्नी की देखभाल करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इनकी क्या-क्या जिम्मेदारियाँ ?
- माँ
- पिता
- बिंदा
उत्तर:
- माँ – आश्रम के लोगों के लिए खाना पकाना।।
- पिता – चरखा कातकर धागा बनाना।
- बिंदा – आश्रम में तरह-तरह की सब्जियाँ उगाना।
स्वतंत्रता की ओर पाठ का सारांश
नौ साल का धनी अपने माता-पिता के साथ अहमदाबाद के पास महात्मा गाँधी के साबरमती आश्रम में रहता था। इस आश्रम में पूरे भारत से लोग रहने आते थे। गाँधीजी की तरह वे सब भी भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे थे। आश्रम में सबको कोई न कोई काम करना होता, जैसे खाना पकाना, बर्तन धोना, गाय और बकरियों का दूध दुहना आदि। धनी का काम था बिन्नी नाम की बकरी की देखभाल करना।
उस दिन जब धनी बिन्नी को घास खिला रहा था उस समय सभी गाँधीजी के कमरे में बैठकर कोई योजना बना रहे थे। धनी को सब बच्चा समझते थे लेकिन धनी का दावा था कि वह सबकुछ समझता है। वह बिन्नी को लेकर रसोईघर की ओर चला जहाँ उसकी माँ चूल्हा फेंक-फूककर खाना पका रही थी। माँ ने उसे बताया कि वे सब यात्रा पर जा रहे हैं। धनी कुछ और जानने के लिए तुरंत पूछ बैठा-कहाँ की यात्रा पर जा रहे हैं? लेकिन माँ ने डॉटकर उसे वहाँ से भगा दिया। इसके बाद धनी सीधा बिंदा चाचा के पास गया जो खेत में आलू खोद रहा था। बिंदा चाचा ने उसे बताया-गाँधीजी और उनके कुछ साथी गुजरात में पैदल चलते हुए, दांडी नाम की जगह पर समुद्र के पास पहुँचेंगे और वहाँ नमक बनाएंगे। नमक के नाम पर धनी चौंक उठा। उसकी नजर में नमक जब दुकान में मिल रहा है तो उसे बनाने की जरूरत नहीं है। उसने बिंदा चाचा से पूछा-गाँधीजी नमक को लेकर विरोध क्यों कर रहे हैं? यह तो समझदारी वाली बात नहीं है। इस पर बिंदा चाचा ने धनी को बताया कि सभी-भारतवासी को, चाहे वह कितना भी गरीब क्यों न हो उसे नमक पर कर देना पड़ता है। और तो और ब्रिटिश सरकार की ओर से भारतीय लोगों को नमक बनाने की मनाही भी है। महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश सरकार को कर हटाने को कहा लेकिन उन्होंने यह बात ठुकरा दी। इसलिए उन्होंने निश्चय किया कि वे दांडी चलकर जाएंगे और समुद्र के पानी से नमक बनाएंगे। इतना सुनते ही धनी कहने लगा-तब तो गाँधीजी बड़े अक्लमंद हैं।
धनी ने मन-ही-मन निश्चय कर लिया कि वह भी दांडी जाएगा। दोपहर के समय वह सीधा अपने पिता के पास पहुँचा और अपना निर्णय उन्हें सुना दिया। पिताजी ने लाख समझाया लेकिन वह अपने निर्णय से नहीं हटा।
फिर उन्होंने कहा-सिर्फ वे लोग जाएंगे जिन्हें महात्माजी ने खुद चुना है। इसपर धनी बोला-ठीक है मैं उन्हीं के पास जाऊँगा और उनसे अनुमति मागूंगा।
अगले दिन धनी सुबह-सुबह गाँधीजी को ढूंढ़ने निकला। वे गौशाला में गायों को देख रहे थे। फिर सब्जी के बगीचे में चले गए। अंत में, गाँधीजी अपनी झोंपड़ी की ओर चले । बरामदे में चरखे के पास बैठकर उन्होंने स्वयं धनी को पुकार लिया। खुशी-खुशी धनी उनके पास गया और हिम्मत करके उनसे पूछ ही लिया-क्या मैं आपके साथ दांडी चल सकता हूँ? गाँधीजी ने मुस्कुराते हुए कहा-तुम अभी छोटे हो, बेटा। सिर्फ तुम्हारे पिता जैसे नौजवान ही मेरे साथ दांडी की दूरी तय कर पाएँगे। इसपर धनी बोला–पर आप तो नौजवान नहीं हैं। आप नहीं थक जाएंगे? गाँधीजी कुछ सोचकर बोले-अगर तुम मेरे साथ जाओगे तो बिन्नी की देखभाल कौन करेगा? इतना चलने के बाद, मैं तो कमजोर हो जाऊँगा। इसलिए, जब मैं वापस आऊँगा तो मुझे खूब सारा दूध पीना पड़ेगा, जिससे कि मेरी ताकत लौट आए। धनी गाँधीजी की बात तुरंत समझ गया। उसने कहा-ठीक है, मैं आपके लिए बिन्नी की देखभाल करूंगा और आपका इंतजार भी।
शब्दार्थ : बुडू-मूर्ख । उतावला होना-धीरज खो बैठना। खिलाफ-विरोध। मनाही-रोक। ठुकरा देना-मानने से इन्कार कर देना। हिम्मत-साहस । ताकत-शक्ति।