Trial Balance कैसे बनाया जाता है ?
Trial Balance के दो पक्ष होते हैं क्रेडिट पक्ष और डेबिट पक्ष।
Trial Balance के Debit Side में निम्नलिखित मदों को लिखा जाता है :
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- Assets (सम्पत्तियाँ )
Assets में निम्नलिखित को शामिल किया जाता है :
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- Cash Balance (रोकड़ शेष )
- Bank Balance (बैंक शेष )
- Debtors (ऋणी)
- Bills Receivable (प्राप्य विपत्र )
- Investment (विनियोग )
- Stock (शेष माल )
- Building (भवन )
- Land (भूमि)
- Machine (यंत्र)
- Furniture (उपस्कर )
- coming Goods (आनेवाली वस्तुएँ)
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Coming Goods में निम्नलिखित को शामिल किया जाता है :
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- Purchase (क्रय)
- Return In Ward (अन्दर वापसी )
- Expenses And Losses (खर्च एवं हानियाँ)
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Expenses And Losses में निम्नलिखित को शामिल किया जाता है :
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- Salary (वेतन)
- Wages (मजदूरी)
- Rent (किराया)
- Commission (कमीशन )
- Interest (ब्याज)
- Discount Allowed (दिया गया छुट)
- Carriage In Ward (अन्दर भारा)
- Carriage Out Ward (बाहरी भारा)
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Trial Balance के Credit Side में निम्नलिखित मदों को लिखा जाता है :
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- Liabilities (दायित्व)
Liabilities में निम्नलिखित को शामिल किया जाता है :
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- Capital (पूँजी)
- Creditors (महाजन)
- Bills Payable (देय विपत्र)
- Loan (कर्ज)
- Bank Overdraft (बैंक अधिविकर्ष)
- Going Goods (जानेवाली वस्तुएँ)
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Going Goods में निम्नलिखित को शामिल किया जाता है :
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- Sales (विक्रय)
- Return Out Ward (बाहरी वापसी)
- Incomes And Gains (आमदनी और लाभ)
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Incomes And Gains में निम्नलिखित को शामिल किया जाता है :
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- Rent Received (प्राप्त किराया)
- Commission Received (प्राप्त कमीशन)
- Interest Received (प्राप्त ब्याज)
- Interest On Bank Deposited (बैंक जमा पर ब्याज )
- Interest On Investment (विनियोग पर ब्याज)
Note :
Opening Stock (प्रांरम्भिक माल) को Trial Balance में लिखा जाता है परन्तु Closing Stock (अन्तिम माल) को Trial Balance में नहीं लिखा जाता है ।
Trial Balance में जो अन्तर आता है उसे भूलचूक खाता (Suspense Account) में डाल दिया जाता है ।